scriptMothers Day: और मां का महत्व दुनिया में कम हो नहीं सकता और मां जैसा दुनिया में कुछ हो नहीं सकता… | MOT And the importance of mother cannot be reduced in the world and there can be nothing like mother in the world… | Patrika News
हुबली

Mothers Day: और मां का महत्व दुनिया में कम हो नहीं सकता और मां जैसा दुनिया में कुछ हो नहीं सकता…

मां, रोते हुए बच्चे का खुशनुमा पलना है मां। मां, मरूथल में नदी या मीठा सा झरना है मां। और तो और मां का महत्व दुनिया में कम हो नहीं सकता और मां जैसा दुनिया में कुछ हो नहीं सकता। तो मैं कला की ये पंक्तियां मां के नाम करता हूँ और दुनिया की सभी माताओं को प्रणाम करता हूं। मशहूर कवि ओम व्यास की यह प्रसिद्ध कविता मां पर सटीक बैठती है।

हुबलीMay 11, 2024 / 11:55 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

mothers

राजस्थान पत्रिका परिचर्चा के दौरान मदर्स डे पर अपने विचार रखती मदर्स।

मदर्स डे के इतिहास के बारे में कहा जाता है कि 9 मई 1914 को अमरीकी प्रेसिडेंट वुड्रो विल्सन ने एक कानून पास किया था और इस कानून के मुताबिक हर वर्ष मई माह के हर दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया गया। इसके बाद ही मदर्स डे अमरीका, भारत सहित कई दूसरे देशों में भी मनाया जाने लगा। इस लिहाज से इस बार मदर्स डे 12 मई को मनाया जाएगा। मां और बच्चों का रिश्ता इस दुनिया का सबसे खूबसूरत रिश्ता है, जो बगैर किसी शर्त और बगैर किसी उम्मीद के साथ पूरा होता है। आइए जानते हैं मदर्स डे पर क्या कहती हैं आज के दौर की मदर्स :
ईश्वर का दिया अनमोल उपहार
राजस्थान के पाली मूल की निर्मला भंडारी कहती हैं, मां ईश्वर का दिया हुआ अनमोल उपहार है। मां का अपने बच्चों से गहरा नाता होता है। माताएं परिवार की भावनात्मक रीढ़ भी होती हैं। वे एक परिवार में सभी की भावना का समर्थन करते हैं। परिवार के सदस्य निश्चिंत होकर अपनी भावनाओं को माताओं को बता सकते हैं। एक व्यक्ति मां के साथ लगभग कोई भी रहस्य साझा कर सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि माताओं का अपने परिवार पर बहुत बड़ा भरोसा होता है। मां द्वारा सिखाए गए नैतिक मूल्य शायद बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं। समाज का भविष्य काफी हद तक एक मां की शिक्षा का परिणाम है। मां एक ऐसा शब्द है जो हर किसी को भावनाओं से भर देता है। एक मां निश्चित रूप से हर किसी के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण होती है। अपने बच्चे के लिए मां के प्यार की तुलना निश्चित रूप से किसी भी चीज से नहीं की जा सकती। उसकी क्षमा का स्तर अतुलनीय है। मां हर किसी के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण महिला होती है। एक मां अपने बच्चे के लिए अपनी खुशियों की कुर्बानी देती है। एक मां की तरह कोई और अपने बच्चों की देखभाल नहीं कर सकता है। बच्चे के पालन-पोषण में निश्चित रूप से माताएं बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। मां शब्द अपने आप ही मातृत्व से भरा हुआ है। इसका अर्थ सिर्फ और सिर्फ ममता से है। आज के युग में मां की भूमिका दुगुनी हो गई है। तेजी से आते हुए नवीनीकरण को खुद स्वीकारते हुए आज के जमाने में मां बहुत ही प्रगतिशील और हर क्षेत्र में सक्षम है।
मां का रिश्ता सबसे सुन्दर
सिरोही जिले की पाडीव निवासी श्वेता जैन का कहना है, किसी कवि ने इन पंक्तियों में मां का वर्णन किया है, लबों पर उसके कभी बद्दुआ नहीं होती, बस एक मां हैं जो मुझसे खफा नहीं होती। मां कितना सुन्दर संबोधन है। यह रिश्ता इससे भी ज्यादा सुन्दर है। मां का जन्म से पहले का रिश्ता है। मां हमारे अनुसार ढल जाती है। मां की यही सोच रहती है कि उसकी वजह से कोई कमी नहीं रहें। बच्चों से सबसे ज्यादा प्यार करने वाली मां ही है। मां की सोच यही रहती कि मेरा बेटा सदैव खुश रहे। मां से बढ़कर इस दुनिया में कोई नहीं है। चाहे किसी भी तरह की मुसीबत हो, मां चट्टान बनकर खड़ी हो जाती है। मां की महिमा सबसे न्यारी है। वह अपने बच्चों को निडर बनाती है। उन्हें अनुशासित बनाती है। आज के दौर की मां आत्मनिर्भर व मजबूत है। बच्चों को अच्छी शिक्षा एवं परवरिश में मां की अहम भूमिका रहती है। मां तो सब कुछ है। मां के बिना सब कुछ अधूरा सा लगता है।
हर जिम्मेदारी बखूबी निभा रही मां
पाली निवासी पिंकी भंडारी कहती हैं, मां शब्द में ही खुशी झलकने लगती है। मां हर रूप में रहकर काम पूरा करती है। आज के दौर की मां घर-परिवार के साथ बाहर की जिम्मेदारी भी बखूबी निभा रही है। वह सोशल सेक्टर में अग्रणी रह रही है। अनाथ आश्रम, वृद्धाश्रम, गौशाला में जाकर सेवा कार्य में हाथ बंटा रही है। मौजूदा दौर में मां बच्चे के साथ मित्र बन गई है। बच्चा आसानी से अपनी बात अपनी मां के साथ शेयर कर सकता है। मां बच्चों को अच्छे संस्कार देने का काम कर रही है। उन्हें जीने की सही राह दिखा रही है। अच्छी सीख दे रही हैं। मां बताती है कि कैसे खुद के पैरों पर खड़ा रहा जाएं। चुनौतियों से हार नहीं मानने की बात मां कहती है। हर साल भले ही मदर्स डे धूमधाम से मनाया जाता है लेकिन सच्चे अर्थ में अपनी मां का बर्थडे यदि हम उत्साह के साथ मनाते हैं तो यही हमारे लिए सही मायने में मदर्स डे होगा। बच्चों के लिए मां की भूमिका उनके जीवन में एक अहम स्थान रखती है। वह अपने बच्चों के लिए सब कुछ करने के लिए यानी बलिदान करने के लिए हमेशा तैयार रहती है। मां हमेशा अपने बच्चों के बारे में ही सोचती है और उनके खुशहाली के लिए उनके अच्छे स्वास्थ्य के लिए वह अपने जीवन में किस तरह सफल रहें खुश रहें बस यही हमेशा वह सोचती रहती है ।

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