हालांकि जुलाई में बहुत कम बारिश हुई, लेकिन इन फसलों को उगाने का समय पहले ही ख़त्म हो चुका था। इस प्रकार किसानों ने सीधे अरहर की बुआई की। लेकिन अरहर का बीज कभी अंकुरित नहीं हुआ, जिससे किसानों की खेती से उम्मीदें खत्म हो गईं। वे अपनी आजीविका के लिए रोजगार की तलाश में शहरों की ओर पलायन कर गए। पैदावार कम होने से बाजार में अरहर की सप्लाई भी कम हो गई है। कृषि विभाग के अनुसार, जिले में अरहर, मूंग, सोयाबीन, उड़द, बाजरा, सूरजमुखी के बीज स्टॉक में हैं।