scriptसूखे की मार, पानी की कमी एवं बिजली कटौती ने घटाई केले की पैदावार, अन्य फसलें भी सूखने के कगार पर | Drought, water shortage and power cuts have reduced banana production, other crops are also on the verge of drying up | Patrika News
हुबली

सूखे की मार, पानी की कमी एवं बिजली कटौती ने घटाई केले की पैदावार, अन्य फसलें भी सूखने के कगार पर

कर्नाटक के बेलगावी जिले में 773 हेक्टेयर में केले की खेती, अकेले यारागट्टी तहसील में 330 हेक्टेयर में

हुबलीApr 28, 2024 / 06:07 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

banana

सूखे की मार, पानी की कमी एवं बिजली कटौती के चलते केले की पैदावार में गिरावट आई है। न केवल केला बल्कि पान, गन्ना एवं सब्जियां समेत अन्य फसलें भी सूखने के कगार पर है। पानी की कमी और मौजूदा सूखे की स्थिति के कारण इस साल कर्नाटक के बेलगावी में केले की पैदावार में गिरावट आई है। बिजली कटौती के कारण जिले में फसल की पैदावार और भी कम हो गई है। उन किसानों को परेशानी हो रही है जिन्होंने खेती में पैसा लगाया है। सिंचाई के लिए नदी के पानी के उपयोग पर प्रतिबंध के साथ सरकार ने कृषि पंप सेटों को दिन में केवल एक घंटे बिजली की आपूर्ति करने का निर्देश दिया है। उधर किसानों ने दिन में छह घंटे के लिए तीन चरण की बिजली आपूर्ति की मांग की है। किसान बोरवेल से पानी का उपयोग करने में भी सक्षम नहीं हैं। सूखे के कारण केले की कम पैदावार ने किसानों को मुश्किल में डाल दिया है।
किसानों को ड्रिप सिंचाई करने की सलाह
बेलगावी जिले में 773 हेक्टेयर में केले की खेती की जाती है। अकेले यारागट्टी तालुक में 330 हेक्टेयर में खेती होती है जो सबसे अधिक है। लंबे समय तक बिजली कटौती ने किसानों की दुर्दशा बढ़ा दी है। सूखे और बिजली कटौती की दोहरी मार से केला ही नहीं बल्कि पान, गन्ना, सब्जियां समेत अन्य सभी फसलें सूख रही हैं। एक केले उत्पादक किसान ने कहा, विविधता और पर्यावरणीय परिस्थितियों के आधार पर केले की पैदावार 30 से 150 टन प्रति हेक्टेयर के बीच हो सकती है। बागवानी विभाग ने पेयजल आपूर्ति को प्राथमिकता देने की आवश्यकता जताई है। किसानों को ड्रिप सिंचाई करनी चाहिए लेकिन सरकारी सब्सिडी के तहत सौर पंप सेट प्रदान किए जा रहे हैं।

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