बबलू ने रविवार को अपने कार्यालय पर बैठक बुलाई। बैठक में कई सरपंच, पंचायत समिति सदस्य व भाजपा के पदाधिकारी मौजूद रहे। बैठक को सम्बोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि बबलू चौधरी ने कांग्रेस से मुकाबला किया।
जिन्होंने भाजपा को हराने का कार्य किया, अब उनको टिकट देना गलत है। इस दौरान कई पार्टी पदाधिकारियों, सरपंचों व पंचायत समिति सदस्यों ने चौधरी को अपना इस्तीफा भी सौंपा।
झुंझुनूं में भाजपा वाले ही हरा रहे भाजपा को
झुंझुनूं में पिछले कुछ चुनावों का इतिहास यही रहा है कि यहां भाजपा वाले ही भाजपा को हरा रहे हैं। झुंझुनूं में पिछले तीन चुनाव से यह परम्परा हो गई कि जो भी भाजपा में बगावत करता है, पार्टी अगली बार उसे टिकट थमा देती है। भाजपा ने 2018 में जब राजेन्द्र भाम्बू को टिकट दिया था तो बबलू चौधरी बागी हो गए। भाजपा ने 2023 में चौधरी को टिकट दिया तो राजेन्द्र भाम्बू बागी हो गए। अब फिर भाजपा ने राजेन्द्र भांबू को टिकट दिया है तो बबलू चौधरी ने बगावत का बिगुल बजा दिया है।
टिकट नहीं मिला तो फूट फूटकर रोने लगा भाजपा नेता
उधर, सलूंबर विधानसभा उप चुनाव को लेकर भाजपा द्वारा टिकट नहीं मिलने से नाराज भाजपा नेता नरेन्द्र मीणा रविवार को एक सभा में पहुंचते ही फूट-फूटकर रोने लगे। कार्यकर्ता और समर्थकों ने उन्हें गले लगाते हुए संभालने का प्रयास किया लेकिन वे रोते रहे। अपने आंसू नहीं रोक पाए। नरेन्द्र मीणा ने कहा कि सलूंबर विधानसभा उपचुनाव में जैसे ही भाजपा टिकट की घोषणा हुई। इससे यहां के कार्यकर्ता और जनता में दुख की लहर चल पड़ी। आज सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने मुझे निमंत्रण देकर यहां बुलाया। यहां हमने निर्णय लिया कि एक बार फिर आलाकमान पर विश्वास जताते हुए उन्हें टिकट पर पुनर्विचार के लिए 24 घंटे का समय दिया जाए।