दरअसल, महुखुर्द गांव के कोली मौहल्ले के पास बाघ की दहाड़ सुनाई दी। बाघ की आवाज सुनकर उगा महावर ने ग्रामीणों जानकारी दी। जब मौके पर पहुंचे तो बाघ ने महिला पर हमला कर दिया। जिससे वह घायल हो गई। महिला को बचाने आए विनोद मीणा और बाबूलाल मीणा पर भी बाघ ने हमला कर दिया। जिससे तीन लोग घायल हो गए। घायलों को बांदीकुई उपजिला अस्पताल ले जाया गया। जहां इलाज के बाद घायलों को जयपुर रेफर कर दिया।
ट्रैंकुलाइज के लिए सरिस्का से पहुंची टीम
बाघ के आने से महुखुर्द सहित आसपास के गांवों में हड़कंप मच गया। लोगों ने इसकी सूचना पुलिस प्रशासन सहित वन विभाग को दी। मौके पर जिला कलेक्टर देवेन्द्र कुमार ने पहुंच कर ग्रामीणों को घरों से बाहर नहीं निकलने व सुरक्षित जगह पर रहने की अपील की। एसपी रंजीता शर्मा ने भी पुलिस कर्मियों से लोगों की भीड़ को नियंत्रण करने के निर्देश दिए। दौसा डीएफओ वी. केतन कुमार, अलवर डीएफओ राजेन्द्र हुड्डा ने भी बाघ को पकड़ने के लिए संयुक्त अभियान चलाया लेकिन देर शाम तक कामयाबी नहीं मिली। सरिस्का से बाघ को ट्रैंकुलाइज करने के लिए टीम को बुलाया गया। जिसने बाघ को पकड़ने के लिए ट्रैंकुलाइज गन से इंजेक्शन दागा, लेकिन बाघ ट्रैंकुलाइज नहीं हो सका। बाघ महुखेडा से निकलकर निहालपुरा गांव पहुंच गया। जहां बाघ एक खेत से दौड़कर दूसरे खेत में भागता रहा। बाघ ने एक वन विभाग की जिप्सी पर हमला कर सीसा तोड़ दिया। जिसके बाद जेसीबी की मदद ली गईं। वन विभाग की टीम को टाइगर जमकर छकाता नजर आया। बाघ खेतों में दौड़ता रहा। वन विभाग और पुलिस प्रशासन ने ड्रोन की सहायता लेनी पड़ीं।
सरिस्का से राजगढ़ के रास्ते पहुंचा
बाघ एसटी 2402 सरिस्का से निकलकर राजगढ़ के रास्ते महुंखुर्द गांव पहुंचा। लोग सरिस्का से यहां बाघ एसटी 2402 के पहुंचने को लेकर अचंभित भी हैं। क्योंकि यहां कि दूरी करीब 70 से 75 किलोमीटर बताई जा रही हैं। जहां बाघ का मूवमेंट पहली बार हुआ हैं। हालांकि वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कई बार बाघ अभ्यारण और जंगलों से निकलकर आबादी क्षेत्र में पहुंच जाता हैं। बाघ का रेस्क्यू करने के लिए डीएफओ सहित दौसा की पूरी वन विभाग की टीम तैनात नजर आई। इस मौके पर महुवा विधायक राजेंद्र मीना, सरपंच पुष्पेन्द्र शर्मा, विशेषज्ञ अरविंद माथुर, तहसीलदार प्रकाश चन्द्र मीना, वीडिओ सुनील मीना सहित अन्य मौजूद रहें।