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भोपाल

इन राज्यों से हो रही है साइबर ठगी, मोबाइल को बनाया ‘आधुनिक हथियार’

cyber fraud complaint number: चिंता का विषय है कि समय-समय पर जागरूकता अभियान और साइबर अपराध सेल होने के बावजूद लोग अपनी जमापूंजी गंवा रहे हैं।

भोपालOct 14, 2024 / 10:51 am

Manish Gite

cyber fraud complaint number
cyber fraud complaint number: इंटरनेट से काम आसान हुआ है, वहीं चुटकी बजाते ही हर काम करने की क्षमता भी पैदा की है। छोटे से मोबाइल फोन, लैपटॉप व डेस्कटॉप में तो जैसे पूरी दुनिया ही समा गई है।
एक क्लिक से आप जो चाहें जानकारी ले सकते हैं, खरीदारी कर सकते हैं। वहीं इस दुनिया का एक दूसरा नाम वर्चुअल वर्ल्ड भी है, इसे आभासी दुनिया भी कहा जाता है। यह ऐसा आभास जो महसूस कुछ होता है और होता कुछ है।
साइबर ठगों का इसी आभासी दुनिया में बड़ा मायाजाल भी है। इनके मायाजाल में फंसे और कब आप ठगी का शिकार हो जाएं, यह पता ही नहीं चलता। जब इसका पता चलता है तो बहुत देर हो चुकी होती है। चिंता का विषय है कि समय-समय पर जागरूकता अभियान और साइबर अपराध सेल होने के बावजूद लोग अपनी जमापूंजी गंवा रहे हैं।
पुलिस के लिए भी ये चुनौती बने हैं। ऐसे में अब लोगों को ज्यादा जागरूक होने की आवश्यकता है। थोड़ी सी सतर्कता से आप इन ठगों से बच सकते हैं। लापरवाही बरती तो आपका बैंक अकाउंट भी खाली हो सकता है।
समाज में बढ़ते इस भयावह खतरे पर पेश है पत्रिका की खास रिपोर्ट…

सबसे ज्यादा साइबर क्राइम के मामले

0-निवेश स्कीम/ पार्ट टाइम जॉब
0-अवैध लोन एप
0-कस्टमर केयर नंबर
0-अकाउंट टेकओवर
0-सेक्सटॉर्शन

4 मामलों से समझिए ठगी के तरीके

1- 51 लाख की ठगी से हाउस अरेस्ट: ग्वालियर की रिटायर्ड शिक्षिका आशा भटनागर को 14 मार्च को मुंबई क्राइम ब्रांच के नाम से डराकर 51 लाख रुपए ठगे। आशा को दो दिन हाउस अरेस्ट रखा। आशा ने कहा-किसी ने फोन पर उनके आधार कार्ड से जारी सिम से बच्चियों को अश्लील मैसेज भेजने के लिए उन पर मुंबई क्राइम ब्रांच में 24 एफआइआर दर्ज बताई। आपने ऐसा अपराध नहीं किया तो ऑनलाइन एफआइआर कराएं।
2- निवेश के नाम पर 130 से 5 करोड़ ठगे: राजधानी में इलेक्ट्रीशियन का काम करने वाले शख्स ने अच्छा रिटर्न देने का प्रलोभन देकर 130 लोगों से 5 करोड़ की ठगी कर डाली। छोटे-छोटे निवेश के नाम करोड़ों रुपए ऐंठे। फिर एकाएक फोन नंबर बंद गायब हो गया। पुलिस लगातार तलाश करती रही लेकिन आरोपी बार-बार लोकेशन बदलता रहा। उसने 1 लाख के निवेश को 6 माह में डबल करने का झांसा दिया था।
3- पार्ट टाइम जॉब के नाम 90 लाख वसूले: चाइना में बैठे जालसाजों से मिलकर दो लोगों ने पार्ट टाइम जॉब का ऑफर देकर लोगों से 90 लाख ठग लिए। बाद में दोनों आरोपी सतवीर और राहुल को इंदौर से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने चाइना के जालसाजों से मिलकर फ्रॉड करने की बात को स्वीकारा। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मप्र की ये ऐसी पहली गैंग है जो सीधे चाइनीज ग्रुपों से संपर्क में है।
4- सेक्सटॉर्सन से लूटे 6.36 लाख: साइबर ठगों ने सेक्सटॉर्शन के नाम पर राजधानी भोपाल के एक मिल मैनेजर से 6.36 लाख रुपए ठग लिए। दरअसल, प्राइवेट मिल के मैनेजर को एक अनजान नंबर से वीडियो कॉल आया। कॉल में अज्ञात महिला ने कपड़े उतारने शुरू कर दिए और एक ही स्क्रीन पर वीडियो रेकॉर्ड कर मैनेजर को बदनाम करने का झांसा दिया। वीडियो डिलीट करने के नाम पर उससे रुपए भी वसूले।
Cyber Crime Portal

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साइबर पुलिस को स्मार्ट बनाने 750 करोड़ का प्रोजेक्ट अधर में लटका

साइबर अपराधियों से निपटने के लिए 750 करोड़ का प्रोजेक्ट तीन साल पहले तैयार किया था। यह अभी कागजों में है। दरअसल इस प्रोजेक्ट के तहत पांच करण बनाए गए थे। जिसमें 150 करोड़ प्रत्येक चरण में खर्च होने थे। पोर्टल की प्लानिंग से लेकर डायल 100 की तर्ज पर क्विक रेस्पॉन्स टीम बनाने तक की योजना थी लेकिन दुर्भाग्य से वो टीम अभी भी कागजों में दौड़ रही है।

प्रदेश का आंकड़ा

0-प्रदेशभर में पिछले दो माह में डिजिटल अरेस्ट केस : 35

0-भोपाल में डिजिटल अरेस्ट से दो माह में ठगी: 5 करोड़ रुपए से ज्यादा

0-इंदौर में दो से ढाई माह में साइबर फ्रॉड से नुकसान: क्र 2.5 करोड़ रुपए
0-साइबर के प्रदेश में कुल मामलों में 50 प्रतिशत से कम मामले पहुंच रहे थाने।

0-प्रदेश के 2 लाख लोग सलाना साइबर ठगी के शिकार

जानिए…आखिर क्यों सायबर ठगों से पीछे है पुलिस

0-प्रदेश पुलिस में आधे से अधिक पुलिस जवान तकनीकी में उतने दक्ष नहीं हैं।
0-विशेष सुविधा नहीं मिलने से पुलिसकर्मियों का रुझान कम

0-इन्वेस्टिगेशन में ज्यादा समय लगना, मैनपावर का अभाव

0-अपडेट सॉफ्टवेयर और स्मार्ट पुलिसिंग बनाने में सुविधाओं का अभाव

साइबर फ्रॉड से बचने बरतें ये सावधानी

0-किसी भी लिंक को साझा या ओटीपी को शेयर नहीं करें।
0-स्मार्टफोन से रातोरात करोड़पति बनने के झांसे में नहीं आए।

0-व्यक्तिगत जानकारी कभी किसी से साझा नहीं करें।

0-पासवर्ड का उपयोग करें और समय-समय पर उसे बदले

लें पुलिस की मदद

नेशनल क्राइम हेल्पलाइन– 1930
भोपाल साइबर क्राइम हेल्पलाइन- 9479990636; 7049124445

इंदौर साइबर क्राइम हेल्पलाइन -7049124444

नजदीकी पुलिस स्टेशन पर जाकर करें शिकायत।

देशभर का आंकड़ा

10 करोड़: प्रतिदिन साइबर ठगी से नुकसान

10319 करोड़: 3 साल में साइबर क्राइम से नुकसान
966790: 2022 में

1556176: 2023 में साइबर क्राइम के मामले

45 हजार: साइबर हेल्पलाइन पर शिकायत रोज इंडियन साइबर क्राइम कोर्डिनेशन सेंटर की रिपोर्ट

सावधानी में ही सुरक्षा

साइबर फ्रॉड से बचने का लोगों को यही मूलमंत्र है कि अपनी पर्सनल जानकारी कभी किसी से साझा नहीं करें। क्योंकि साइबर अपराधी सिर्फ मौका तलाशते हैं। कभी ओटीपी फ्रॉड के जरिए तो कभी त्यौहारी सीजन आते ही फर्जी वेबसाइट बनाकर ठगी। कुलमिलाकर यदि स्मार्टफोन यूजर्स सावधान रहें तो कभी ऐसी घटना ही नहीं हो। लेकिन फिर भी कभी आप साइबर फ्रॉड का शिकार हो भी जाएं तो तत्काल पुलिस की मदद लें।
-यूसुफ कुरैशी, डीआइजी, राज्य साइबर सेल

एक्सपर्ट कमेंट
सायबर हमलों से घबराएं नहीं, बल्कि सतर्क रहें

डिजिटल हाइजीन का जितना आप ख्याल रखेंगे उतना ही आप सुरक्षित रहेंगे। फाइनेंस से संबंधित कॉल को अच्छी तरह से सत्यापित करें। बैंकिंग डिटेल चाहे कोई कितना भी विश्वसनीय हो उससे साझा न करें। सायबर फ्रॉड का सबसे अधिक खतरा अज्ञात मोबाइल ऐह्रश्वस, वेबसाइट से होता है। बहुत सी कंपनियां डिस्काउंट व कैशबैक की लालच देकर लिंक भेजती हैं, ऐसे लिंक से आपका डेटा चोरी हो जाता है। अपने फोन और लैपटॉप को सुरक्षित वाई-फाई से ही जोड़ें।
-इशिता निमजे, सायबर एक्सपर्ट

इधर जबलपुर में 4 साल में करोड़ की रिकवरी

जबलपुर जिले में साइबर ठगी का ग्राफ लगातार बढ़ता जा रहा है। सालभर में साइबर ठग लोगों को दो से तीन करोड़ रुपए की चपत लगा देते हैं। यदि समय रहते पीडि़त स्टेट पुलिस और जिला साइबर सेल के पास पहुंच जाता है, तो पुलिस उसके अकाउंट से गई राशि को फ्रीज कराकर पीडि़त को वापस करने का प्रयास करती है। पिछले सालों में जिला पुलिस की साइबर सेल द्वारा साइबर ठगी का शिकार हुए लोगों की लगभग एक करोड़ 42 लाख रुपए से अधिक की राशि वापस कराई गई।

24 घंटे होते हैं अहम

पुलिस के अनुसार यदि कोई साइबर ठगी का शिकार हो जाता है, तो ठगी गई रकम वापस पाने के लिए पीडि़त के पास अगले 24 घंटे अहम होते है। जानकारी के अनुसार प्रतिदिन शाम के वक्त बैंक द्वारा ट्रांजेक्शन का सेटलमेन्ट किया जाता है, जिसके बाद यह राशि दूसरे खाते में जाती है। यदि इसके पहले पीडि़त पुलिस के पास पहुंच जाता है, तो पुलिस बैंक में यह राशि फ्रीज करा देती है। कई बार ऐसा भी होता है कि रकम ट्रांसफर होने के बाद भी दूसरे अकाउंट से रकम वापस बुला ली जाती है।

वापस कराई रकम

2021: 36,06,610 रुपए
2022: 35,46,000 रुपए
2023: 53,94,252 रुपए
2024: 75,84,345 रुपए
(सायबर सेल के अनुसार)

साइबर फ्रॉड के प्रतिवर्ष 350 से अधिक मामले आते हैं। इनमें 2-3 करोड़ प्रतिवर्ष ठग ऐंठ लेते हैं। दो साल पहले नया सर्कुलर आ गया, जिसमें दो लाख या उससे अधिक की ठगी के मामलों की जांच स्टेट साइबर सेल करती है। ठगी का शिकार व्यक्ति यदि 24 घंटे में पुलिस के पास पहुंच जाता है, तो उनकी राशि वापस आने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
-सूर्यकांत शर्मा, एएसपी जबलपुर

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