जानें क्या है ‘फानी’ का मतलब? कैसे रखे जाते हैं ऐसे तूफानों के नाम
साल 2015 में मध्य प्रदेश ( madhya pradesh ) में व्यापम घोटाले की कवरजे करने गए अक्षय सिंह की संदिग्ध परिस्थतियों में मौत हो गई थी। वहीं 13 मई 2016 को सीवान में रहने वाले पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी गई। जिस वक्त रंजन ऑफिस से वापिस आ रहे थे उस समय उन्हें किसी ने गोली मार दी। वरिष्ठ पत्रकार एमवीएन शंकर आंध्र प्रदेश ( Andhra Pradesh ) में लगातार तेल माफिया के खिलाफ लगातार खबरें लिख रहे थे, जो कि तेल माफियाओं को अच्छा नहीं लगा। इसके बाद उनकी 26 नवंबर 2014 को हत्या कर दी गई। वहीं राजेश मिश्रा नाम के रिपोर्टर ने लोकल स्कूल में हो रही धांधली को उजागर किया था, इसके लिए 1 मार्च 2012 को कुछ लोगों ने उनकी हत्या कर दी थी।
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ( gurmeet ram rahim ) के खिलाफ आवाज उठाने वाले पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की रिरसा में हत्या कर दी गई थी। उन्होंने राम रहीम के डेरे मे चलने वाले गलत कामों की पोल खोल थी। 21 नवंबर 2002 को उनके दफ्तर में घुसकर कुछ लोगों ने उनको गोलियों से भून डाला। चर्चित पत्रकार गौरी लंकेश की बेंगलुरु के राजराजेश्वरी नगर में उनके घर पर अज्ञात बंदूकधारियों ने 5 सिंतबर 2017 को उनकी गोली मारकर हत्या कर दी।
तो क्या खुलने वाला है महाभारत का रहस्य, खुदाई में लगातार मिल रहे हैं सबूत
वहीं नजर अगर विश्व में दौड़ाए तो सबसे बड़ी घटना फ्रांस की नजर आती है। जहां फ्रांस की राजधानी पेरिस में व्यंग्स पत्रिका ‘शार्ली हेब्दो’ पर हमला हुआ। 7 जनवरी 2015 को हजरत मोहम्मद साहब का विवादित कार्टून छापे जाने के विरोध में आतंकियों ने पत्रिका के कार्यालय पर हमला किया था। इस हमले और इससे जुड़ी अगले तीन दिनों तक हुई अन्य घटनाओं में कुल 16 लोगों की जान गई थी। पत्रकार बंद समाजों, या बुरी चीजों पर रोशनी डालकर खुद की जान को जोखिम में डालने काम काम करते हैं।