फांसी के दिन कैदियों के साथ किए जाते हैं ये जरूरी काम, निर्भया के दोषियों को भी गुजरना होगा इससे
क्यों लगेगा 14 दिन का अन्य समय?
दरअसल, जब राष्ट्रपति किसी भी दायर याचिका को खारिज करते हैं तो दया याचिका खारिज होने और उसके बाद ब्लैक यानी डेथ वारंट जारी होने के 14 दिन बाद फांसी दी जा सकती है। वहीं ब्लैक वारंट के बाद 14 दिन का समय दोषी को फांसी देने से पहले मानसिक तौर पर तैयार होने के लिए दिया जाता है। इस दौरान दोषी व्यक्ति अपने परिवार से मुलाकात कर सकता है। अपनी वसीयत बना सकता है और साथ ही अन्य काम भी कर सकता है। वहीं कोर्ट ने शत्रुघ्न चौहान मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कई दिशा-निर्देश तय किए थे, जिसका अनुपालन किया जाना अनिवार्य है। इसमें फांसी से पहले दोषी के परिवार को लिखित सूचना देने और दोषी को मानसिक तौर पर तैयार होने का मौका भी दिया जाएगा। ऐसे में निर्भया के दोषियों को डेथ वारंट जारी होने के बाद भी 14 दिन का अन्य समय फांसी होने में लग सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में नहीं है कोई तय सीमा
सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) के एक फैसले में दया याचिका के दाखिल करने और उसके निपटारे का कोई तय समय नहीं है। जबकि दोषी अक्षय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है जिस पर 17 दिसंबर को दोपहर 2 बजे सुनवाई होनी है। जबकि ट्रायल कोर्ट सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई किए जाने के अगले दिन यानी 18 दिसंबर को सुनवाई करेगी। दोषी विनय, मुकेश और पवन की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट द्वारा खारिज की जा चुकी है। हालांकि, पुनर्विचार याचिका के बाद चारों दोषियों के पास सुप्रीम कोर्ट में ही क्यूरेटिव याचिका दाखिल करने का रास्ता भी अभी बाकी है।