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देश का पहला भगोड़ा है विजय माल्या, जानें कब से शुरू हुआ उसका राहु काल

Vijay Mallya: माल्या ने अपनी और रिश्तेदारों की संपत्ति की कुर्की पर रोक लगाने की अपील की, आज सुनवाई
इसी संबंध में बॉम्बे हाईकोर्ट ने की थी याचिका खारिज

Jul 29, 2019 / 11:59 am

Priya Singh

Vijay Mallya case

नई दिल्ली। विजय माल्या ने सुप्रीम कोर्ट ( Supreme Court ) में याचिका दाखिल कर गुहाई लगाई कि उसकी सारी संपत्तियों को कुर्क ( confiscation of properties ) करने की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट आज करेगा। बता दें कि माल्या पर करीब पांच भारतीय बैंकों ( एसबीआई ( SBI ) , आईडीबीआई बैंक, पीएनबी, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा ) से करीब 9 हज़ार करोड़ कर्ज़ लेने और उसे न चुकाने का आरोप है। विजय माल्या भारत का पहला ऐसा शख्स है जिसे भारत सरकार ने भगोड़ा घोषित किया है। आइए जानते हैं कभी दुनिया के टॉप कारोबारियों में से एक विजय माल्या का बुरा समय कब से शुरू हुआ।

-मार्च 2012 में माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस ( Kingfisher Airlines ) ने यूरोप और एशिया के लिए फ्लाइट्स बंद कर दीं। इसके बाद अक्टूबर 2012 में किंगफिशर कंपनी दिवालिया हो गई।

-बैंक से लिए गए लोन को न चुका पाने के कारण 2 मार्च, 2016 को माल्या ने देश छोड़ दिया था।

-30 मार्च 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को पासपोर्ट के साथ व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा था।

-8 फरवरी, 2017: भारत ने ब्रिटेन को प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा।

-ब्रिटेन की सरकार ने भारत के प्रत्यर्पण के आग्रह को डिस्ट्रिक्ट जज को भेज दिया था। ये प्रत्यर्पण अनुरोध माल्या को भारत लाने और उस पर मुकदमा चलाने की ओर से भारत का पहला कदम था।

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Vijay Mallya

-18 अप्रैल, 2017: स्कॉटलैंड यार्ड ने विजय माल्या को एक प्रत्यर्पण वारंट पर गिरफ्तार किया गया। उसने एक केंद्रीय लंदन पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण किया। 650,000 पाउंड की ज़मानत राशि देने के बाद माल्या को घंटों के भीतर जमानत पर रिहा कर दिया गया।

-ईडी ने पीएमएलए अदालत में याचिका दायर की थी कि नए कानून (भगोड़ा आर्थिक अपराधी कानून-2018) के तहत माल्या को भगोड़ा घोषित किया जाए और 12,500 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त करने की मांग की थी।

-जिसमें माल्या ने कोर्ट से ईडी की मांग पर सुनवाई न करने की अपील की थी। कोर्ट में माल्या की उस याचिका को 30 अक्टूबर को ख़ारिज कर दिया। विजय माल्या को बॉम्बे हाईकोर्ट से निराशा हाथ लगी।

-26 मई 2019 यूके के हाईकोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि विजय माल्या को डिआजियो कंपनी को करीब 945 करोड़ रुपए चुकाने होंगे। मामला माल्या की दो कंपनियों के अधिग्रहण का था।

-2 जुलाई 2019 लंदन की रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने सुनवाई करते हुए विजय माल्या के प्रत्यर्पण मामले के खिलाफ अपील करने की अनुमति मंजूर कर ली।

-11 जुलाई 2019 – विजय माल्या ने अपनी संपत्ति के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर रोक लगाने की अपील की थी, जिसको बॉम्बे हाईकोर्ट ( Bombay High Court ) की ओर से खारिज कर दिया गया।

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