शिरडी साईंबाबा (shirdi sai baba) मंदिर में श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है।हालांकि कोरोना वायरस से सावधानी बरतने के लिए ट्रस्ट की ओर से कई पहल की गई हैं। साईं बाबा के मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए खासे इंतजाम किए जा रहे हैं । वहीं भक्तों का कहना है ही कोरोना जैसे महामारी को साईंबाबा ही दूर सकते हैं उन्होंने 100 साल पहले भी ऐसी महामारी को दूर किया था और लोगों की जान बचाई थी।
क्या हुआ था सालों पहले?
जिस तरह आज कोरोना ने आतंक मचा रखा है वैसे ही सालों पहले हैजा नामक बीमारी लोगों के लिए यमराज बन गई थी। इस बीमारी से हजारों लोग रोजाना मर रहे थे। ये बीमारी शिरडी समेत उसके आस पास के गावों में भी फैलती जा रही थी। तब गांव के लोग साईं बाब के पास गए और अपना दुख बताया। गांव वालों ने साईं बाबा से कहा कि कहीं हम भी इसकी वजह से मर तो नहीं जाएगे। ये सब सुनने के बाद बाबा मौन हो गए।
साईं बाबा कई सप्ताह से मौन थे, उन्होंने खाना-पीना छोड़ रखा था, सारे शिष्य और वाईजा माँ उनसे मिन्नतें करके हार गये थे, लेकिन न तो बाबा ने खाना ही खाया और न ही किसी से कोई बातचीत ही की।
एक दिन अचानक उन्होंने हाथ से पीसने वाली चक्की से गेहूं पीसना शुरू कर दिया। ये देख गांव के लोग और हैरान हो गए। उन्होंने बाबा से इसकी वजह पूछी । लेकिन बाबा ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद गांव की कुछ औरतों ने बाबा को चक्की से हटाकर खुद गेहूं पीसने लगीं।
जब सारा गेहूं , आटा बन गया तो बाबा ने उसे लेजाकर गांव के चारो तरफ परिक्रमा की और बिखेर दिया। इससे गांव में फैली महामारी ठिक हो जाएगी। हुआ भी ऐसा ही कुछ ही दिनों में गांव से हैजा का खात्मा हो गया। और गांव के लोग सुखी हो गए।