सऊदी के सबसे महंगे ऊंटों में से एक, इस ऊंट के लिए सार्वजनिक नीलामी का आयोजन किया गया। नीलामी का एक वीडियो भी सामने आया है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह लोग इस ऊंट को खरीदने के लिए बेताब दिख रहे हैं।
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इतनी बोली से शुरू हुई नीलामी
वीडियो में बोली लगाने वाला एक शख्स पारंपरिक पोशाक में भीड़ के बीच माइक्रोफोन पकड़े हुए नीलामी की बोली लगा रहा है। ऊंट की शुरुआती बोली 5 मिलियन सऊदी रियाल (10 करोड़ 16 लाख 48 हजार 880 रुपये) लगाई गई।
ऊंट के लिए अधिकतम बोली 7 मिलियन सऊदी रियाल की लगाई गई जिस पर उसे नीलाम कर दिया गया।हालांकि, ऊंट को इतनी ऊंची कीमत देकर किस शख्स ने खरीदा, इस बात का खुलासा नहीं किया गया है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि ऊंट को एक धातु के बाड़े के अंदर रखा गया है और उसके आसपास पारंपरिक पोशाक पहने नीलामी में शामिल लोगों की भीड़ खड़ी है।
ये है ऊंट की खासियत
इतनी ऊंची बोली में खरीदे गए इस ऊंटी की खासियत की बात करें तो इस ऊंट को बेहद दुर्लभ प्रजाति का माना जाता है। अपनी अलग सुंदरता और अनुठेपन के लिए ये ऊंट विख्यात है। इस प्रजाति के ऊंट बेहद कम देखने को मिलते हैं। यही वजह है कि इसको खरीदने के लिए लोगों ने करोड़ों रुपए खर्च करने में भी हिचकिचाए नहीं।
रेगिस्तानी इलाके वाले सऊदी अरब और ऊंटों के बीच काफी पुराना रिश्ता रहा है। ऊंट सऊदी के लोगों की संस्कृति का हिस्सा हैं। ये सदियों से सऊदी के लोगों के जीवन में शामिल रहे हैं और इन्हें ‘रेगिस्तान का जहाज’ कहा जाता है।
रमजान में भी ऊंट का महत्व
रमजान में भी ऊंट का काफी महत्व है। रमजान महीना खत्म होने के अगले दिन ईद को सऊदी अरब में ऊंटों की बलि देने की भी परंपरा रही है।
इस्लाम में कुर्बानी के दौरान बलि दिए गए जानवर को तीन हिस्सों में बांटा जाता है। पहला हिस्सा किसी गरीब को दिया जाता है और बाकी के दो हिस्से परिवार और रिश्तेदारों के लिए रखे जाते हैं।
कैमल फैस्टिवल
सऊदी अरब में ही विश्व का सबसे बड़ा कैमल फैस्टिवल भी आयोजित किया जाता है। कैमल क्लब की ओर से आयोजित किए जाने वाले इस फेस्टिवल का उद्देश्य सऊदी अरब, खाड़ी देशों और इस्लामी संस्कृति में ऊंट के विरासत को मजबूत करना और इसे बढ़ावा देना है।
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