राजीव और सोनिया गांधी ( Sonia Gandhi ) का अफेयर 3 साल तक चला और इसके बाद दोनों ने शादी करने का फैसला किया। साल 1968 में सोनिया पहली बार भारत आई, लेकिन परिवार के बाकी लोग इटली से भारत नहीं आ पाए। ऐसे में इंदिरा गांधी ( Indira Gandhi ) और राजीव गांधी के सामने ये सबसे बड़ी परेशानी थी कि शादी कैसे करवाई जाए।
परेशानी इसलिए ज्यादा बड़ी थी क्योंकि भारतीय रीति-रिवाज में शादी के दौरान कन्यादान की रस्म दुल्हन के पिता निभाते हैं। ऐसे में राजीव को इस संकट की घड़ी में अमिताभ याद आए और वो अपनी परेशानी के साथ उनके घर पहुंच गए। इसके बाद अमिताभ ने राजीव की समस्या के बारे में अपने पिता हरिवंश राय बच्चन और माता तेजी बच्चन को बताया। साथ ही उन्होंने यह सुझाव भी दिया कि क्यों न इनकी शादी बच्चन परिवार के घर में ही कराई जाए।
यह भी पढ़ें: इस हीरे की खदान में हीरा खोजने आते हैं लोग, मामला आपको हैरान कर देगा
इस सुझाव को स्वीकार किया गया और दिल्ली ( delhi ) के पालम एयरपोर्ट पर 13 जनवरी 1968 को जब सोनिया गांधी पहुंचीं, तो अमिताभ भी उन्हें रिसीव करने के लिए वहां गए थे। इसके बाद सोनिया, अमिताभ बच्चन ( Amitabh Bachchan ) के घर पर ही 45 दिनों तक रही। वहीं शादी वाले दिन राजीव गांधी बारात लेकर अमिताभ बच्चन के घर पहुंचे। जहां हरिवंश राय बच्चन ने सोनिया गांधी का कन्यादान किया। अमिताभ बच्चन के एक सुझाव से ही राजीव गांधी की इतनी बड़ी समस्या पल भर में हल हो गई। इस शादी के बाद से ही अमिताभ का घर राजीव गांधी का ससुरान कहलाने लगा था।