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सरकार के फैसले का विरोध
डच सरकार के इस फैसले से कई लोग नाराज है। लेकिन सरकार पहले से ही इस बात की तरफदारी करती आई है कि अगर कोई इंसान ऐसी बीमारी से जूझ रहा हो जिसका कोई इलाज नहीं और उसे बीमारी से बेहद दर्द हो तो उसे डॉक्टरों की मदद से मौत दी जा सकती है।
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परिवार की इच्छा के अनुसार मृत्यु
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक डच सरकार में स्वास्थ्य मंत्री डी जॉन्ग ने संसद को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि देश में लाइलाज बीमारी से ग्रसित एक 12 साल के बच्चे को उसकी परिवार की इच्छा के अनुसार मृत्यु देने के लिए कानून में संसोधन का प्रस्ताव दिया है। हालांकि इसके लिए बच्चे के माता पिता की सहमती सबसे जरूरी है। डच सरकार में स्वास्थ्य मंत्री डी जॉन्ग ने संसद को लिखी चिट्ठी में कहा है कि लाइलाज बीमारी से पीड़ित बच्चों के परिवार को हर तरीके का दुख सहना पड़ता है। ऐसे में ये कानून उनकी मदद कर सकता है।