लाइफ में भूल कर भी न करें ये एक गलती तो बन सकते हैं करोड़पति इन चार उपायों से प्रसन्न होंगे भगवान कालभैरवअगर जन्मकुंडली के दुष्ट ग्रहों की पीड़ा से अत्यधिक परेशान है तो कालभैरव जयंती के दिन भगवान शिव का रुद्राभिषेक करवाएं। इससे समस्त प्रकार के संकटों को नाश होकर सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
भगवान भैरव को प्रसन्न करने के लिए भैरव गायत्री मंत्र का रोजाना 108 बार जप करें। ऐसा 125 दिन तक करते रहने से मन की बड़ी से बड़ी इच्छा भी पूर्ण हो सकती है। परन्तु इस पूरे समय में आपको ब्रह्मचर्य का पूर्णतया पालन करना होगा। ऐसा नहीं करने पर आपके लिए बड़ा संकट भी खड़ा हो सकता है।
गायत्री मंत्र के 24 हजार जप का अनुष्ठान करवाएं। इससे भी समस्त समस्याओं से मुक्त होकर सौभाग्य और सुख, शांति की प्राप्ति होगी। कालभैरव जयंती के दिन से आरंभ कर अगले 125 दिनों तक महामृत्युंजय मंत्र का रोजाना प्रतिदिन 10 माला (1000 मंत्र जप) जप करने से भी भाग्य के सभी संकट दूर होते हैं।
उपाय करने में ध्यान रखें ये सावधानियां
अगर आप भी इन उपायों को करना चाहते हैं तो सबसे पहली बात तो यही ध्यान रखने की है कि आप इन उपायों को किसी अनुभवी विद्वान से पूछ कर ही करें। संभव हो तो उन्हीं की देखरेख में करें अन्यथा नुकसान भी हो सकता है।