अस्पतालों से लेकर छात्रावासों और गेस्टहाउसों को तीन-स्तरीय Covid-19 हेल्थ सेंटर ( Covid-19 health centres) में बदला जा रहा है। अबतक 400 से अधिक जिलों में लगभग 4 लाख आइसोलेटेड बेड की व्यवस्था हो चुकी है।
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महाराष्ट्र में अकले एक तिहाई बेड मुहैया कराए गए हैं। क्योंकि यहां कोरोना के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। ताजे आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 20 हजार के आस-पास हो चुकी है। जिनमें से 4,669 केस अकेले महाराष्ट्र में हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इन खास आइसोलेटेड बेड में टेंसिव केयर यूनिट (ICU)-बेड भी है। जिनकी संख्या 40000 के आसपास है। ये बेड उनके लिए है जो कोरोना वायरस से गंभीर रूप से पीड़ित हैं।
वहीं ICU बेड में से सिर्फ 19 हजार बेड़ पर वेंटिलेटर की सुविधा मौजूद है। ऐसे में अगर कोरोना वायरस का प्रकोप अचानक बढ़ता है तो बहुत बुरे नुकसान हो सकते हैं। क्योंकि डॉक्टरों के मुताबिक कोरोना संक्रमित लोगों में से 5-10% को तत्काल रूप से वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है। ऐसे में वेंटिलेटरो की संख्या बेहद कम है।
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कुछ ही दिनों पहले भारत के स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे पर ब्रोकिंग इंस्टीट्यूट ने कोरोन से संबधिक एक रिपोर्ट जारी की थी। रिपोर्ट के मुताबिक देश में 5 मई तक 22 लाख कोरोना वायरस के मामले सामने आ सकते हैं। अगर ये आंकड़े सच हो जाते हैं तो हमें कम से कम 2.5 लाख वेंटिलेटर की जरूरत पड़ेगी।
बता दें नेशनल हेल्थ प्रोफाइल-2019 के मुताबिक, देश के सभी सरकारी अस्पतालों को में मात्र 7.13 लाख बेड उपलब्ध हैं। यानी प्रति 1000 लोगों पर 0.55 बेड हैं।