कैलिफोर्निया ( California ) में मई 2017 में 2 साल के जोसेफ डडेक पर आइकिया की कपड़े की अलमारी गिर गई थी। जिस वजह से बच्चे का सांस घुट गया और उसकी मौके पर ही मौत हो गई। बच्चे के माता-पिता का नाम जोलिन और क्रेग डडेक है। उनका कहना है, ‘हमने कभी नहीं सोचा था कि 30 इंच के ड्रेसर ( Dresser ) के गिरने से हमारे दो साल के बच्चे का दम घुट जाएगा।
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लेकिन बाद में हमें मालूम हुआ कि अलमारी का डिजाइन अस्थिर था और यह सुरक्षा मानकों को पूरा नहीं करती थी। इसलिए हमारे साथ यह हादसा घटा। इसी तरह के कई हादसे पहले भी हो चुके है। साल 2016 में भी आइकिया ( IKEA ) ने तीन परिवारों को 360 करोड़ रुपए का मुआवजा दिया था।
जोसेफ के मा-बांप जोलिन और क्रेग डडेक का कहना है कि वो यह केस इसलिए लड़ रहे थे, ताकि दुनियाभर के लोगों को इस घटना के बारे में पता चले और वो चौकन्ने हो जाएं जिससे कि भविष्य में किसी भी परिवार के साथ इस तरह की घटना न घटे।
इन घटनाओं के संज्ञान में आने के बाद सुरक्षा के लिहाज से कंपनी ने 32 किलो वजनी ऐसी लाखों अलमारियों को रिकॉल किया था। यह कंपनी के इतिहास में किसी उत्पाद को रिकॉल करने का सबसे बड़ा मामला था। आइकिया एक स्वीडिश कंपनी ( Swedish Company ) है।
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एक रिपोर्ट में बताया गया है कि अमेरिका के इतिहास में गलत तरीके से हुई बच्चे की मौत के मामले में यह अब तक का सबसे बड़ा हर्जाना है, जिसमें कंपनी 331 करोड़ चुकाएगी। आइकिया कंपनी की स्थापना साल 1943 में फिडोर इंगवार कैम्प्रेड ने की थी।