सबसे पहले जानिए कि कच्ची या पाउडर में कौन सी हल्दी है बेस्ट
कच्ची हल्दी और पाउडर हल्दी में कच्ची हल्दी बेस्ट है। इसके पीछे एक नहीं कई कारण हैं। पहला, पाउडर की तुलना में कच्ची हल्दी अधिक सुरक्षित इसलिए होती है कि इससे एलर्जी का खतरा नहीं होता। मार्केट में मिलने वाले हल्दी की शुद्धता पर हमेशा संशय होता है। दूसरा, कच्ची हल्दी अपने प्योरेस्ट फार्म में होती है, जबकि पाडर या सूखी हल्दी उबालने के बाद प्रॉसेस की जाती है। कच्ची हल्दी में सारे ही पोषक तत्व भरपूर होते हैं, जबकि उबालने के बाद हल्दी के कई पोषक तत्व खत्म या कम हो जाते हैं।
कैंसर के लिए क्या उपयोगी है हल्दी
न्यूकैसल यूनिवर्सिटी के शोध में पाया गया कि हल्दी में दो-तीन फीसदी करक्यूमिन होता है, जो कैंसर से लड़ने में मददगार होता है। रिसर्च में पाया गया कि कैंसर ही नहीं, अस्थमा, एग्जिमा और चिंता तक में ये बहुत कारगर पाई गई। हालांकि, अभी ये प्राथमिक जांच है, अभी और रिसर्च चल रही है। हल्दी खाने वालों के जिन में बदलाव शोध की सकारात्मक पहल है।
दिल की बीमारी में हल्दी कितनी कारगर
‘अमेरिकन जनरल ऑफ कार्डियोलॉजी’ में छपे इस शोध के के अनुसार दिल की मरीजों में खास कर जिनके दिल का ऑपरेशन हुआ था उन्हें सर्जरी के तीन-चार दिन पहले से रोज दिन में चार बार एक ग्राम हल्दी की कैप्सूल दी गई थी। हल्दी का कैप्सूल लेने वालों में दिल का दौरा पड़ने की आशंका 13 प्रतिशत ही थी। टीम के प्रमुख डॉक्टर वारवारंग वांगचेरोन का कहना है कि हल्दी से बने कैप्सूल लेने वालों में दिल के दौरे का खतरा 65 फीसदी कम पाया गया।