प्लेटलेट्स ऐसी ब्लड सेल्स होती हैं जो ब्लीडिंग को रोकने में मदद करती हैं। प्लेटलेट्स ब्लड क्लॉट्स करती हैं और जब भी चोट या कट शरीर पर लगता है तो प्लेटलेट्स ही खून जमाने के काम आती हैं।
प्लेटलेट्स संख्या कम होने पर थ्रोम्बोसाइटोपेनिया नामक बीमारी हो जाती है। इसमें खून बेहद पतला हो जाता है बहता रहता है। दांत,नाक, स्टूल या इंटरनल ब्लीडिंग भी होने लगती है।
नेशनल हार्ट, लंग और ब्लड इंस्टिट्यूट के मुताबिक, एडल्ट्स के खून में प्लेटलेट्स की रेंज 150,000 से 450,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर होती है। जब किसी व्यक्ति के खून में प्लेटलेट्स काउंट 150,000 प्रति माइक्रोलीटर से घट जाता है तो इसे लो प्लेटलेट्स कहा जाता है।
1. नाक से खून आना
2. मसूड़ों से खून आना
3. यूरिन में खून का आना
4. स्टूल में खून दिखना
5. पीरियड्स के दौरान बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना
6. स्किन पर नीले-भूरे रंग के धब्बे पड़ना
विटामिन सी, के, डी और सी के साथ बी कांप्लेक्स आदि के साथ ही पोटेशियम-मैग्निशियम, फोलेट, और जिंक युक्त चीजें लेनी चाहिए। डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। ‘पत्रिका’ इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।