पहला ऑस्कर अवॉर्ड इवेंट 16 मई 1929 को आयोजित किया गया था। सन 1927 में एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर्स आर्ट्स एंड साइंसेज की मीटिंग में पहली बार ट्रॉफी के डिजाइन पर चर्चा की गई। इस दौरान लॉस एंजिल्स के कई कलाकारों से अपने-अपने डिजाइन सामने रखने को कहा गया। इस दौरान मूर्तिकार जॉर्ज स्टैनली की बनाई हुई मूर्ति को पसंद किया गया। खबरों के अनुसार, ऑस्कर अवॉर्ड में जो ट्रॉफी दी जाती है कहते हैं कि उसकी प्रेरणा मैक्सिकन फिल्ममेकर और एक्टर एमिलियो फर्नांडीज थे। ऐसे में माना जाता है कि इस मूर्ति के पीछे फर्नांडीज है और ये उनकी ही तस्वीर है।
अब बात करें ट्रॉफी के मालिकाना हक की तो बहुत कम लोग जानते हैं कि ऑस्कर विजेता के पास उसकी ट्रॉफी का पूरा मालिकाना हक नहीं होता है। वो चाहकर भी अपनी ट्रॉफी कहीं बेच नहीं सकता है। अवॉर्ड दिए जाने से पहले विजेता से एक एग्रीमेंट साइन कराया जाता है कि वो अपनी ट्रॉफी को 1 डॉलर में अकादमी को ही बेचेंगे। अगर वो ऐसा करने से मना करते हैं तो वो ट्रॉफी अपने पास रखने के हकदार नहीं होते हैं। इस तरह का नियम 1950 से लागू है।
अब बात करें भारत की तो, 94 सालों से चले आ रहे इस अवॉर्ड में अब तक भारत की चार फिल्मों को जगह मिल चुकी है- मदर इंडिया, सलाम बॉम्बे, श्वास (मराठी) और लगान। पहला ऑस्कर अवॉर्ड 1929 में आयोजित किया गया था, वहीं साल 1957 से भारत की फिल्में ऑस्कर के लिए भेजी जा रही हैं।