साल 2019 के आखिर में चीन में कोरोना का पहला मामला सामने आया था और देखते ही देखते ये पूरी दुनिया में फैल गया। हालांकि चार साल बीत जाने के बाद महामारी का जोर कम हुआ है, लेकिन वायरस अभी भी मौजूद है और लगातार अपने रूप बदल रहा है।
इस दिसंबर में भी, कोरोना का एक नया रूप JN.1, दुनिया में सुर्खियां बटोर रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे “रुचिकर रूप” बताया है, लेकिन साथ ही कहा है कि जनता के स्वास्थ्य के लिए इसका खतरा कम है।
दिसंबर 2020 में कोरोना के तीन बड़े रूप सामने आए थे: अल्फा, बीटा और गामा। इसके ठीक एक साल बाद, दिसंबर 2021 में ओमिक्रोन ने लोगों को घरों में बंद कर दिया था। 2022 में भले ही कोई बड़ा रूप नहीं आया, लेकिन BA.2 और BA.5 जैसे उप-रूप सामने आए।
और अब JN.1 है, जो ओमिक्रोन परिवार का ही हिस्सा है। JN.1 क्या है? JN.1 को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तेजी से फैलने के कारण “रुचिकर रूप” घोषित किया है। ये भारत, चीन, ब्रिटेन और अमेरिका समेत कई देशों में पाया गया है।
ये ओमिक्रोन के B.2.86 वंश का हिस्सा है और इसमें स्पाइक प्रोटीन में एक अतिरिक्त बदलाव है। डॉ. जीसी खिलनानी के अनुसार, ये हल्के लक्षण जैसे बुखार, गले में खराश, खांसी और सिरदर्द पैदा करता है। हालांकि, कमजोर लोगों जैसे बुजुर्गों, मोटे लोगों और सांस की बीमारियों, मधुमेह और कैंसर से पीड़ित लोगों के लिए ये खतरनाक हो सकता है।
दिसंबर में ही क्यों? कोरोना के नए रूपों के दिसंबर में आने के कई कारण हो सकते हैं: ठंड और सूखा मौसम: कई अध्ययन बताते हैं कि ठंड और सूखा मौसम कोरोना के फैलने में मदद करता है।
छुट्टियों का मौसम: दिसंबर में पर्यटन और सामाजिक मेलजोल बढ़ जाता है, जिससे वायरस आसानी से फैलता है।
यात्राएं: पिछले साल चीन में लूनर न्यू ईयर के कारण वायरस तेजी से फैला था। इस साल भी छुट्टियों का मौसम JN.1 के फैलने में मदद कर रहा है।
क्या घबराएं?
हालांकि JN.1 चिंता का विषय है, लेकिन विशेषज्ञ घबराने की सलाह नहीं देते। उनका कहना है कि टीकाकरण और मास्क पहनना अभी भी वायरस से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है। इसलिए, नए साल के जश्न के साथ-साथ सावधानी भी रखें। टीका लगवाएं, मास्क पहनें और सुरक्षित रहें।
मुख्य बातें: कोरोना का नया रूप JN.1 तेजी से फैल रहा है।
दिसंबर में कोरोना के नए रूप आने का कारण ठंड का मौसम, छुट्टियों का मौसम और यात्राएं हो सकते हैं।
घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सावधानी जरूरी है।
टीकाकरण और मास्क पहनना वायरस से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।