भैरूसिंह के नाम से श्याम सुन्दर का चलता रहा इलाज
एक मरीज को टीबी की बीमारी के इलाज लिए 30 नवंबर को ईएसआईसी अस्पताल में भर्ती कराया गया। भर्ती रजिस्टर में उसका नाम लिखा गया-भैरूसिंह पुत्र महादेव राजपूत निवासी टीटपुर कोठड़ी, तहसील कठूमर। 13 दिसंबर को इलाज के दौरान इस मरीज की मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन ने परिजन को मौत की सूचना देते हुए मरीज के मौत संबंधी जरूरी दस्तावेज भी तैयार कर लिए। शव लेने आए मृतक के एक परिजन ने खुद को भैरूसिंह बताया और कहा कि मरने वाले का नाम श्याम सुंदर (30) पुत्र कप्तान सिंह निवासी ग्राम टीटपुर कोठड़ी हाल निवासी सोनावा की डूंगरी है। उसने श्याम सुंदर के नाम से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने को कहा। इसके बाद शव सुपुर्दगी के दौरान स्टाफ ने साइन कराए, तब भी मृतक के एक परिजन ने भैरूसिंह के नाम से साइन कर दिए। स्टाफ के टोकने पर उसने बताया कि मृतक का नाम भैरूसिंह नहीं बल्कि श्याम सुंदर है। भैरूसिंह तो मैं हूं। जानकारी करने पर पता चला कि ईएसआईसी अस्पताल की चिकित्सा सुविधाओं का लाभ लेने के लिए मरीज को गलत नाम से भर्ती कराया गया था।
ईएसआईसी का लाभ लेने के लिए मृतक गलत दस्तावेजों के आधार पर भर्ती हुआ था। बाद में स्थिति बिगड़ने पर उसकी मौत हो गई। इसके बाद परिजनों की ओर से मृत्यु प्रमाण पत्र दूसरे व्यक्ति के नाम पर बनवाने की बात कहने पर मामले का पता चला। परिजनों का कहना था कि मृतक खुद ही अपने भाई के दस्तावेजों से भर्ती हुआ था।
–असीम दास, डीन, ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज
उच्चाधिकारियों के निर्देश पर कराया पोस्टमार्टम
एमआईए थाने के हेड कांस्टेबल खेमसिंह ने बताया कि अस्पताल प्रशासन की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लेकर उच्चाधिकारियों को सूचित किया। इस दौरान संदेहास्पद मामला होने पर उच्चाधिकारियों के निर्देश पर मृतक के शव को शनिवार को जिला अस्पताल के मुर्दाघर में रखवाया गया। जहां रविवार को पोस्टमार्टम के बाद मृतक का शव परिजन के सुपुर्द किया गया।