विटामिन डी आपकी हड्डियों को मजबूत बनाता है बल्कि आपके इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करने में सहायक होता है। ऐसे में इस विटामिन की कमी आपको बीमार कर सकती है।
सर्दियों में विटामिन डी के लिए ड्रिंक्स : Drinks for Vitamin D in Winter
Vitamin-D Deficiency in winter: संतरे का जूस पीएं
संतरे का जूस विटामिन-सी के साथ-साथ विटामिन-डी का भी एक उत्कृष्ट स्रोत है। इसमें पाए जाने वाले अन्य पोषक तत्व इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में सहायक होते हैं। घर पर ताजा संतरे का जूस बनाकर पीना सर्वोत्तम विकल्प है। Vitamin-D Deficiency in winter : योगर्ट स्मूदी फायदेमंद योगर्ट में विटामिन-डी, प्रोटीन और प्रोबायोटिक्स की भरपूर मात्रा होती है। आप अपने मनपसंद फलों और दही को मिलाकर एक स्वादिष्ट और पौष्टिक स्मूदी तैयार कर सकते हैं। यह न केवल विटामिन-डी की कमी को पूरा करता है, बल्कि पाचन तंत्र को भी सुधारने में सहायक होता है।
Vitamin-D Deficiency in winter : गाजर का जूस फायदेमंद गाजर का जूस आंखों के लिए लाभकारी है और इसमें विटामिन-डी भी मौजूद है। आप इसमें थोड़ी मात्रा में नींबू का रस मिलाकर इसका स्वाद बढ़ा सकते हैं। सर्दियों के मौसम में गाजर का जूस पीना स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक होता है।
Vitamin-D Deficiency in winter : सोया मिल्क फायदेमंद सोया दूध शाकाहारी लोगों के लिए विटामिन-डी का एक उत्कृष्ट स्रोत है। इसमें विटामिन-डी के साथ-साथ प्रोटीन की भी अच्छी खासी मात्रा पाई जाती है।
विटामिन डी की कमी के लक्षण : Symptoms of Vitamin D Deficiency
- थकान
- हड्डियों का दर्द
- मांसपेशियों की कमजोरी
- मूड स्विंग्स
- बार-बार बीमार पड़ना
विटामिन डी में ध्यान रखने की बातें
विटामिन डी की आवश्यकता विटामिन डी की आवश्यकता व्यक्ति की उम्र, लिंग और स्वास्थ्य स्थिति के अनुसार भिन्न होती है। विटामिन डी की अधिकता का खतरा विटामिन डी की अत्यधिक मात्रा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। इसलिए, बिना चिकित्सक की सलाह के विटामिन डी के सप्लीमेंट्स का सेवन न करें।
विटामिन डी की कमी के अन्य कारण केवल धूप में कम समय बिताना विटामिन डी की कमी का एकमात्र कारण नहीं है। कुछ दवाएं, पाचन संबंधी समस्याएं और किडनी की बीमारियां भी विटामिन डी की कमी का कारण बन सकती हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।