बीते दस साल में जिले में लिंगानुपात वर्ष लिंगानुपात 2011-12 ……… 872 2012-13 ……… 893 2013-14 ……… 912 2014-15 ……… 939 2015-16 ……… 940 2016-17 ……… 981
2017-18 ……… 950 2018-19 ……… 974 2019-20 ……… 953 2020-21 ……… 972 2021-22 ……… 984 सरकार चला रही मुखबिर योजना गौरतलब है कि प्रदेश भर में अवैध भ्रूण ***** जांच करने वाले केंद्रों पर अंकुश लगाने को लेकर सरकार की ओर से मुखबिर योजना भी चलाई जा रही है। इस योजना के तहत ऐसे अवैध जांच केंद्रों या व्यक्तियों की सही जानकारी देने पर मुखबिर योजना के तहत 3 लाख रुपए तक का इनाम दिया जाता है। इसमें एक लाख मुखबिर को, डेढ़ लाख गर्भवती महिला व पचास हजार रुपए गर्भवती के सहयोगी को तीन किश्तों में दिए जाते हैं।
दस साल पहले ये पांच जिले थे अव्वल बीते दस साल की बात करें तो प्रदेश के पांच जिले लिंगानुपात के मामले में अव्वल थे। इनमें जालोर का कहीं भी नाम नहीं था। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार सर्वाधिक लिंगानुपात वाले जिले डूंगरपुर में 994, राजसमंद में 990, पाली में 987, बांसवाड़ा में 980 व भीलवाड़ा में 973 लिंगानुपात था। जबकि सबसे कम धौलपुर में 846, जैसलमेर में 852, करौली में 861, भरतपुर में 880 व गंगानगर में 887 लिंगानुपात था।
यहां दे सकते हैं सूचना भ्रूण ***** जांच के संबंध में कोई भी व्यक्ति वॉट्सएप नंबर 9799997795, ई-मेल पीसीपीएनडीटी डॉट ब्यूरो एट द रेट जीमेल डॉट कॉम पर, टोल फ्री नंबर 104/108 पर कॉल कर सकते हैं। वहीं इसके तहत मुखबिर की पहचान भी गोपनीय रखी जाती है।
बढ़ा है लिंगानुपात बीते दस साल के मुकाबले वर्ष 2021-22 में सर्वाधिक लिंगानुपात बढ़कर 984 तक पहुंचा है। प्रदेश में लिंगानुपात के मामले में जालोर दूसरे नंबर पर है। – शंकर सुथार, समन्वयक, पीसीपीएनडीटी, जालोर