अमेरिका के कोलोराडो यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने इस सवाल का जवाब ढूंढने की कोशिश की. उन्होंने 42 धावकों को शामिल किया, जो पहले से ही गांजा के साथ दौड़ने के आदी थे. उन्हें दो ग्रुप्स में बांटा गया – एक ग्रुप को CBD प्रधान गांजा दिया गया, जबकि दूसरे को THC प्रधान. THC और CBD गांजे के दो प्रमुख तत्व हैं, जिनमें से THC अधिक नशा पैदा करता है.
अध्ययन के नतीजे चौंकाने वाले रहे! दोनों ग्रुप्स ने गांजा लेने के बाद कसरत का ज़्यादा आनंद और उत्साह महसूस किया. खास बात ये है कि CBD ग्रुप में THC ग्रुप से भी ज़्यादा खुशी का अनुभव हुआ. इसका मतलब ये हो सकता है कि कसरत के लिए गांजे के सिर्फ मन को खुश करने वाले गुण काफ़ी हों, नशे की ज़रूरत नहीं.
लेकिन, एक मोड़ भी है. THC ग्रुप ने बताया कि गांजा लेने के बाद दौड़ना ज़्यादा मुश्किल लगा, मानो ज़्यादा मेहनत करनी पड़ रही हो. इसका कारण शायद THC का हृदय गति को बढ़ाने वाला प्रभाव है. पिछले अध्ययन में भी पाया गया था कि गांजा के प्रभाव में दौड़ने वाले लोग औसतन 31 सेकंड प्रति मील धीमे होते हैं.
तो आखिर में क्या नतीजा? गांजा कसरत के मूड को ज़रूर बढ़ा सकता है, लेकिन ये कोई प्रदर्शन बढ़ाने वाली दवा नहीं है. अगर आप अपनी रफ्तार बनाए रखना चाहते हैं तो गांजा लेना शायद सबसे अच्छा विचार न हो.
तो, अगली बार जब आप कसरत के बारे में सोचें तो गांजे को ज़ेहन में लाने से पहले ये बात याद रखें!