डॉ. स्टीफेंस का कहना है कि लोग गूगल पर अपने लक्षणों को गूगल जैसे खोज इंजनों पर देखते हैं। इस दौरान सामान्य लक्षणों के अलावा सुंगध या स्वाद न पहचानने की कमी यानी एनोस्मिया कोसबसे अधिक खोजा गया है। विशेष रूप से बीते सप्ताह न्यूयॉर्क, मिशिगन, लुइसियाना और न्यू जर्सी जैसे सबसे ज्यादा प्रभावित अमरीकी शहरों में इस तरह केगूगल सर्च में तेजी आई है। तब से शोधकर्ताओं ने एनोस्मिया को भी इस वायरस के एक लक्षण केरूप मेंशामिल किया है। कोविड-19 से संक्रमित 30 से 60 फीसदी रोगियों में ये लक्षण पाए गए हैं।
डॉ. स्टीफेंस का यहां तक कहना है कि वे इस डेटा का विश्लेषण कर अगले कोरोना केन्द्र या ऐपीसेंटर का अनुमान भी लगा सकते हैं। जैसे इन दिनों इक्वाडोर में कोविड-19 के मामलों में गूगल सर्च पर वृद्धि नजर आ रही है। इक्वाडोर की गूगल खोजों के आधार पर आने वाले सप्ताहमें नोवेल कोरोनवायरस का नया एपीसेंटर बन सकता है। ‘नो पीटेडो ओलेर’ यानी मैं सूंघ नहीं पा रहा हूं के नाम से गूगल सर्चमें स्पेन से ज्यादा इक्वाडोर में 10 गुना वृद्धि हुई है। जबकि आधिकारिक तौर पर इक्वाडोर में स्पेन की तुलना में प्रति व्यक्ति दस गुना कम कोविड-19 मामले हैं। इसके अलावा सर्दी लगने और बुखार के लक्षणों की खोज में भी वृद्धि देखी गई है, जो कोरोनोवायरस संक्रमण के सामान्य लक्षण भी हैं।