गर्भवती महिलाओं को घर में तैयार किया हुआ भोजन खाना चाहिए। यह भोजन भी पौष्टिक होना चाहिए। इसमें फल और कच्ची सब्जियां का भी सेवन कर सकते हैं। लेकिन उनको पहले गुनगुने पानी में अच्छी तरह से धो लेना चाहिए। ताकि उस पर लगे हुए हानिकारक केमिकल या सूक्ष्मजीवों से बचा जा सके। खाना संतुलित आहार होना चाहिए। जिसमें सभी प्रकार के प्रोटीन, विटामिन हो।
गर्भवती महिला को भोजन में अंकुरित अनाज, दालें, चावल, रोटी, फाइबर युक्त सब्जियां, सलाद, प्रोबायोटिक्स के लिए दही, दूध, ओमेगा 3 फैटी एसिड के लिए तिल के बीज, अलसी कैल्शियम के लिए बादाम हरी पत्तेदार सब्जियां आदि का सेवन करना चाहिए।
गर्भवती महिलाएं शुद्ध और ताजा खाद्य पदार्थ का ही सेवन करें। बाजार में मिलने वाले डब्बा बंद पदार्थों का सेवन नहीं करें। कृत्रिम रंगों, रसायन और सिंथेटिक खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करें। किसी भी प्रकार के मादक पदार्थ का सेवन नहीं करें। मिठाई और तले गले पदार्थ जिनमें कैलोरी बहुत अधिक होती है उनसे दूर रहें।
भोजन के समय इस बात का ध्यान रहे कि वह साफ-सुथरे वातावरण में बैठकर भोजन करें, अधिकतर तला गला नहीं खाएं। ज्यादा मसालेदार भोजन नहीं होना चाहिए। गर्भावस्था के पहले 3 माह में आहार में उतनी ही कैलोरी ले जितनी गर्भधारण के पहले लेते थे। क्योंकि इसके बाद कैलोरीज की आवश्यकता बढ़ती जाती है। अगले 3 महीनों में संतुलित आहार में करीब 340 अतिरिक्त कैलोरी और आखरी 3 महीनों में 450 अतिरिक्त कैलोरी होना चाहिए। आप दिनभर में 3 से 4 लीटर पानी जरूर पिएं और चाय और कैफीन की आदत है, तो दिन में दो कप तक ही पिए, इससे ज्यादा चाय काफी नहीं पिए।
गर्भावस्था के पहले 3 माह में हार्मोन चेंज के कारण भूख लगती है। ऐसे में आपको जो पसंद है। वह खा सकते हैं। लेकिन एक साथ बहुत सारा खाना भी ठीक नहीं है। आप दिन में थोड़ा थोड़ा कई बार खा सकते हैं। तीव्र गंध वाली चीज से दूर रहे हैं।
खाना खाने के बाद तुरंत लेटे या सोए नहीं। क्योंकि इससे आपको उल्टी हो सकती है। वैसे भी इस दौरान कई महिलाओं को जी मचलना, उल्टी की समस्या होती है। वर्तमान में कोरोना वायरस का दौर चल रहा है। ऐसे में जहां तक हो सके घर के बाहर नहीं निकले। अगर कुछ परेशानी है। तो चिकित्सक से फोन पर या ऑनलाइन ही सलाह लेने की कोशिश करें। घर में स्वच्छ वातावरण में रहे और किसी बाहरी व्यक्ति के संपर्क में नहीं आए। बाहर निकलना ही पड़े तो बिना मास्क के नहीं निकले। और सरकार द्वारा निर्धारित नियमों का पालन करें। 2 गज की दूरी तो निश्चित ही बनाए रखें। ताकि आपके साथ आपका बच्चा भी सुरक्षित रहे।
हमने आपको ये बात सामान्य जानकारी के आधार पर बताई है। अगर आपको किसी प्रकार की कोई समस्या या परेशानी है। तो आप चिकित्सक से सलाह ले सकते है।