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जनपद में चिकित्सीय सेवाएं तो ध्वस्त हैं ही, साथ ही विद्युत आपूर्ति व्यवस्था भी काफी ध्वस्त नजर आ रही है, जबकि शासन प्रशासन के राजनेता मंत्री विद्युत आपूर्ति और चिकित्सीय सुविधाओं को देने की बात कर रहे हैं जो उनके मुंह पर एक करारा तमाचा भी है। इसके साथ ही ध्वस्त विद्युत आपूर्ति और ध्वस्त चिकित्सीय सेवाएं प्रदेश सरकार और उनके नेताओं को आईना दिखाने के लिए काफी हैं। मामला जिला मुख्यालय पर संचालित जिला चिकित्सालय का है जहां पर भीषण विद्युत कटौती के कारण अस्पताल में भर्ती मरीज बेहाल है। अस्पताल में रखा जनरेटर किसी काम का नहीं
मिली जानकारी के अनुसार जनपद में जिला चिकित्सालय की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल उस समय खुली जब मीडिया की एक टीम उस समय जिला चिकित्सालय में पहुंची, जब यहां पर भर्ती मरीज विद्युत सप्लाई ना होने के कारण बेहाल नजर आ रहे थे । अस्पताल में जो जनरेटर मरीजों के लिए रखा गया था कि लाइट ना रहने पर उसका उपयोग किया जाए लेकिन वहां पर जनरेटर सिर्फ शोपीस नजर आया। वह चलाया नहीं जा रहा था।
विद्युत आपूर्ति बाधित होने के कारण यहां भर्ती मरीज काफी बेहाल नजर आए । भीषण उमस भरी गर्मी के कारण मरीजों और उनके तीमारदारों का हाल बेहाल था। यहां पर मरीज कहीं अखबार से हवा करते नजर आए तो कभी अपने कपड़े और तौलिए से हवा करते नजर आए
जानकारी करने पर पता चला कि जिला अस्पताल के पुरुष वार्ड में भर्ती करीब सैकड़ों से अधिक मरीजों का हाल काफी बेहाल है, जिसमें कई ऐसे गंभीर मरीज हैं यह सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और उन्हें ऑक्सीजन कंटेनर लगाए गए थे लेकिन बिजली ना होने के कारण ऑक्सीजन कंटेनर बंद हो गए. सोचों उस मरीज का क्या हुआ होगा जो गंभीर है और ऑक्सीजन की आवश्यकता है ?
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जिला चिकित्सालय की लाइट सोमबार दोपहर 3:00 बजे से खराब पड़ी है जिसका सुधार हेतु काम चल रहा है । वहीं रात्रि 7:00 बजे से आठ 8:30 बजे तक जिला चिकित्सालय की लाइट गुल रही। इस दौरान जनपद में चल रही कटौती के कारण जिला चिकित्सालय की विद्युत आपूर्ति भी बाधित नजर आ रही थी।
अस्पताल में भर्ती मरीज और उनके तीमारदारों का आरोप है कि यहां पर कोई भी चिकित्सालय कार्यकारी मरीजों की सुध लेने नहीं आता कि मरीज किस हाल में है । रात्रि में लाइट जाने के बाद यहां पर अंधकार मच जाता है लोग अपने मोबाइल की टॉर्च की रोशनी से यहां पर काम चलाते हैं। यहां तक कि वार्ड में तैनात नर्स और वार्ड बॉय भी मोबाइल टॉर्च की रोशनी में अपना काम करते नजर आए। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।