सभी मरीज़ों का ब्लड ग्रुप जांचा गया और वैक्सीन लगाने वाले और नहीं लगाने वाले मरीज़ों में ब्लड ग्रुप के वितरण की तुलना की गई।
शोध में पाया गया कि वैक्सीन के बाद सीवीटी से पीड़ित मरीज़ों में ब्लड ग्रुप O ज़्यादा पाया गया (43%) जबकि बिना वैक्सीन के सीवीटी के मरीज़ों में यह सिर्फ 17% था।
बिना वैक्सीन के मरीज़ों में ब्लड ग्रुप A सबसे ज़्यादा पाया गया (71%)।
यह तब भी पाया गया, जब वैक्सीन के अन्य जोखिम कारकों, जैसे कि लिंग, को ध्यान में रखा गया।
शोधकर्ताओं का क्या कहना है?
“ब्लड ग्रुप O वालों में वैक्सीन के बाद स्ट्रोक का खतरा ढाई गुना ज़्यादा होता है।”
“वैक्सीन के बाद स्ट्रोक का खतरा किसे ज़्यादा है, यह पहले से पता लगाने से सरकारों को इस वैक्सीन का इस्तेमाल करने का भरोसा बढ़ सकता है, खासकर कम-आय और मध्यम-आय वाले देशों में, जहां सस्ते और आसानी से ले जा सकने वाले टीके ज़्यादा कारगर साबित हो सकते हैं।”
ध्यान दें: यह अध्ययन सिर्फ कोविशील्ड वैक्सीन पर आधारित है। दूसरे टीकों के बारे में जानकारी अभी और शोध की जरूरत है।
अगर आपको ब्लड ग्रुप O है और वैक्सीन के बाद कोई भी समस्या होती है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।