आमतौर पर स्टैफिलोकोकस ऑरियस बैक्टीरिया बढ़ने के कारण दस्त की समस्या होती है, लेकिन अध्ययन के मुताबिक अमरूद का पत्ता बैक्टीरिया के विकास को खत्म कर सकता है. अमरूद के पत्ते की चाय का सेवन करने से पेट दर्द कम होता है. दर्द से तेजी से राहत पाने के लिए एक कप उबलते पानी में अमरूद की जड़ और पत्तियां मिला लें, फिर इसके पानी को छानकर खाली पेट पी लें.
एक अध्ययन में साबित हुआ है कि अमरूद की पत्ती वाली चाय पीने से आठ सप्ताह में कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी आ सकती है. इस बीच, एलडीएल या लो-डेंसिटी लिपोप्रोटीन, लिपोप्रोटीन के पांच प्रमुख समूहों में से एक है जो सभी वसा के अणुओं को पूरे शरीर में ले जाता है. जब इस प्रकार की कोलेस्ट्रॉल की आपूर्ति एक बड़ी मात्रा में होती है, तो व्यक्ति का स्वास्थ्य खराब हो जाता है और दिल से संबंधित समस्याओं का खतरा बन सकता है.
चूंकि अमरूद की पत्तियों में विटामिन सी और आयरन की मात्रा अधिक होती है, इसलिए अमरूद की पत्तियों का काढ़ा खांसी और सर्दी को दूर करने में मददगार होता है. अमरूद का जूस फेफड़े और गले को साफ करने में मदद करता है.
अमरूद की पत्तियां बालों का झड़ना कम कर सकती हैं या स्थिति को खराब होने से रोक सकती हैं. इसके लिए अमरूद की पत्तियां लेकर लगभग 20 मिनट के लिए पानी में उबाल लें, बाद में इसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें. सबसे पहले, अपने बालों को पानी से धो लें और फिर बालों की जड़ों पर अमरूद की पत्तियों के मिश्रण को लगाएं.
अमरूद के पत्तों को उबालें और फिर उसे छान लें, इसके बाद जो पानी निकले उससे गरारा करें. इससे दांत का दर्द, मसूड़ों की सूजन और मुंह के छाले खत्म होते हैं.
जिस तरह से अमरूद का फल डायबिटीज वालों के लिए फायदेमंद होता है, उसी तरह इसके पत्तों का पानी डायबिटीज कंट्रोल करने में मदद कर सकती हैं। डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।