आयोडीन की कमी के कारण और प्रभाव
आयोडीन की कमी क्यों हो रही है?
पिछले दशकों में, टेबल सॉल्ट, ब्रेड और अन्य खाद्य पदार्थों में आयोडीन मिलाने से इसकी कमी लगभग खत्म हो गई थी। लेकिन आधुनिक आहार और खाद्य निर्माण में बदलाव के कारण अब लोगों में आयोडीन की मात्रा घटने लगी है। खासतौर पर शाकाहारी या वेगन डाइट फॉलो करने वाले और आयोडीन-युक्त नमक का उपयोग न करने वाले लोग इसके ज्यादा शिकार हो रहे हैं।आयोडीन की कमी के लक्षण
गलगंड (गॉइटर): गले में सूजन आयोडीन की कमी का सबसे आम लक्षण है।थकान और कमजोरी: शरीर में ऊर्जा की कमी महसूस होती है।
वजन बढ़ना: मेटाबोलिज्म धीमा हो जाने के कारण वजन बढ़ने लगता है।
बालों का झड़ना और त्वचा का रूखापन: हार्मोनल असंतुलन के कारण त्वचा और बाल प्रभावित होते हैं।
अनियमित मासिक धर्म: महिलाओं में भारी मासिक धर्म या अनियमितता हो सकती है।
सीखने में कठिनाई और याददाश्त कमजोर होना: दिमाग की कार्यक्षमता पर असर पड़ता है।
कौन है ज्यादा जोखिम में?
गर्भवती महिलाएं और बच्चे
गर्भवती महिलाओं में आयोडीन की कमी नवजात शिशुओं पर असर डाल सकती है। यह शारीरिक और मानसिक विकास को बाधित कर सकती है।शाकाहारी और वेगन
जो लोग मांस, अंडे या समुद्री भोजन नहीं खाते, उनमें आयोडीन की कमी होने का खतरा ज्यादा होता है।आयोडीन-युक्त नमक का उपयोग न करने वाले
आयोडीन-युक्त नमक का उपयोग न करना भी इस समस्या का एक बड़ा कारण है।जिन क्षेत्रों में मिट्टी में आयोडीन की कमी है
ऐसे क्षेत्रों में उगने वाली फसलें आयोडीन से रहित होती हैं, जिससे वहां रहने वाले लोग प्रभावित होते हैं।आयोडीन की कमी को कैसे रोकें? How to Prevent Iodine Deficiency?
आयोडीन-युक्त आहार का सेवन करेंआयोडीन-युक्त नमक: खाने में नियमित रूप से आयोडीन-युक्त नमक का उपयोग करें।
समुद्री भोजन: मछली, झींगा और अन्य समुद्री भोजन आयोडीन के अच्छे स्रोत हैं।
डेयरी उत्पाद: दूध, दही और पनीर में आयोडीन की अच्छी मात्रा होती है।
हरी पत्तेदार सब्जियां और अंडे: ये भी आयोडीन प्राप्त करने के आसान स्रोत हैं।