राष्ट्रपति ट्रंप के इन दावों की हकीकत अमरीका में कोरोना संक्रमितों की संख्या और इससे होने वाली मौतों के आंकड़ों को देखकर आसानी से लगाया जा सकता है। जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के कोरोना डैशबोर्ड के आंकड़ों के अनुसार अमरीका में संक्रमितों का आंकड़ा 2,007,449 और 112,469 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि भारत में 257,486 संक्रमितों के साथ 7,207 लोगों की ही मौत हुई है। वहीं चीन जहां कोरोना संक्रमण का सबसे पहला मामला सामने आया था में कोरोना संक्रमितों की संख्या 84,177 और 4638 मौतें हुई हैं।
दरअसल कोरोना वायरस के ज्यादा मामलों को लेकर ट्रंप का यह दावा उनके परीक्षणों की संख्या पर टिका हुआ है। ट्रंप ने कहा कि देश में अब तक 2 करोड़ से ज्यादा नमूनों का परीक्षण हो चुका है। याद रखें, जब आप अधिक परीक्षण करते हैं तो संक्रमितों के अधिक मामले उजागर होते हैं। इसलिए हम लगातार परीक्षण का दायरा बढ़ा रहे हैं। भारत और चीन के अलावा ट्रंप ने अमरीका की परीक्षण दर की तुलना जर्मनी से भी की। उन्होंने कहा कि जर्मनी में अभी तक केवल 40 लाख और दक्षिण कोरिया ने अब तक लगभग 30 लाख नमूनों का ही परीक्षण किया है। वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, भारत ने अब तक 40 लाख से अधिक कोरोनोवायरस परीक्षण किए हैं। उन्होंने चीन पर निशाना साधते हुए कहा कि यह वायरस चीन से आया है और इसे चीन से बाहर फैलने से रोका जाना चाहिए था जो उन्होंने नहीं किया।
ट्रम्प ने द्वितीय विश्व युद्ध (II WORLD WAR )के बाद कोरोना से लड़ाई को सबसे बड़ी राष्ट्रीय और औद्योगिक लामबंदी के रूप में वर्णित किया। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने इस ‘अदृश्य दुश्मन’को रोकने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। अपनी उपलब्धियों के बारे में चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि हमने कोरोना की वैक्सीन बनाने में सबसे ज्यादा तेजी दिखाई। गौरतलब है कि हाल ही ट्रंप प्रशासन ने ऑपरेशन वार्प सीड के तहत टीके बनाने वाली पांच कंपनियों का चुनाव भी किया है। जिसका मकसद इस साल के अंत तक अमरीका के लिए प्रभावी वैक्सीन जारी करना है। ये कंपनियां मॉडर्ना, एस्ट्राजेनेका, फाइजर, जॉनसन एंड जॉनसन और मर्क एंड कंपनी हैं।
उधर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के आपातकालीन स्वास्थ्य कार्यक्रम के कार्यकारी निदेशक माइकल रेयान ने कहा है कि भारत में कोरोना वायरस के मामलों का दोगुना समय इस समय तीन सप्ताह के स्तर पर है। भारत कोविड-19 संक्रमण से प्रभावित दुनिया का छठा देश है। बावजूद इसके विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का मानना है कि भारत अब तक कोरोना वायरस के विस्फोट से बचा हुआ है। लेकिन ऐसा होने का खतरा अब भी बना हुआ है क्योंकि देश में हाल ही लंबे अंतराल के लॉकडाउन के बाद ढील दी गई है। उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना का वैसा प्रकोप नहीं है जैसे अमरीका, इटली, फ्रंास समेत अन्य यूरोपीय देशों में है, लेकिन यहां अब भी कोरोना संक्रमण के मामलों में लगातार वृद्धि हो रही है। रेयान ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस का प्रभाव विभिन्न हिस्सों में अलग है। यहां शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में काफी अंतर है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में वायरस के बहुत तेज गति से नहीं फैलने की बात भी कही है।