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स्वास्थ्य

कोरोना से पता चली बचाव में अहमियत, बचपन से बढ़ाएं इम्युनिटी

कोविड-19 के दौर में हर कोई चाहता है कि उसकी इम्युनिटी रातोंरात बढ़ जाए। लेकिन ऐसा संभव नहीं। इसके लिए बचपन से ही ध्यान देना जरूरी है।

Jun 07, 2020 / 12:26 pm

Hemant Pandey

कोरोना से पता चली बचाव में अहमियत, बचपन से बढ़ाएं इम्युनिटी

कोरोना से पता चली बचाव में अहमियत, बचपन से बढ़ाएं इम्युनिटी

अगर किसी को संक्रमण हो चुका है और वह इन उपायों को अपनाता है तो हाथोंहाथ इम्युनिटी नहीं बढ़ेगी। असर धीरे-धीरे होता है। इम्युनिटी कितने दिनों में बढ़ेगी यह कहना मुश्किल है। यह व्यक्तिकी उम्र, शरीर की क्षमता आदि पर निर्भर करती है।
इम्युनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी एक चीज का नाम नहीं है। यह एक सिस्टम है। इसमें कुछ अंग जैसे थाइमस, स्प्लिीन, लिंफनोड्स और सेल्स जैसे टी सेल्स आदि जुड़े हैं। इन सबसे कुछ रसायन बनते हैं जिनसे पूरे शरीर के लिए एंटीबॉडीज बनते हैं जो इम्युनिटी बढ़ती है। जानते हैं इम्युनिटी कैसे घटती-बढ़ती है।
टीकाकरण
नियमित टीकाकारण से इम्युनिटी बढ़ती है। बच्चों को जन्म के समय से ही वैक्सीन लगाए जाते हैं। वैक्सीन में खास बीमारी या वायरस से लडऩे वाले रसायन होते हैं जो शरीर में प्रोटेक्टिव एंटीबॉडीज बनाते और बीमारियों से बचाव करते हैं।
पारंपरिक खानपान में पर्याप्त पोषक तत्व
अच्छी इम्युनिटी के लिए हैल्दी डाइट लें जिसमें मल्टी विटामिन, प्रोटीन, मिनरल्स होने चाहिए। थोड़ी मात्रा में काब्र्स-फैट भी हों। घर में बने पारंपरिक खाने में संपूर्ण पोषक तत्व मिलते हैं। सूखे मेवे, मौसमी-फल सब्जियां ज्यादा लें। मसालों में भी एंटीऑक्सीडेंट्स अधिक, यह वायरस-बैक्टीरिया से बचाते हैं। डाइट समय से न लेने पर भी इम्युनिटी घटती है। जंक, फास्ट फूड, समोसे, कचौरी से बचें। इनमें ट्रांसफैट होता है। अगर स्वाद के लिए कुछ खाना भी चाहते हैं तो सप्ताह में एक-दो बार ही खाएं।
व्यायाम और बैक्टीरिया
30 मिनट रोज और सप्ताह में करीब 150 मिनट व्यायाम हर किसी को करना चाहिए। व्यायाम के समय हार्ट रेट 25 फीसदी बढऩी चाहिए जिससे ब्लड सर्कूलेशन बढ़े। इससे फेफड़े समेत सभी महत्वपूर्ण अंग सक्रिय होते हैं। शरीर का तापमान भी बढ़ता है। ऐसे में कोई बैक्टीरिया बाहर से आता भी है तो रक्त संचार अधिक होने से बाहर निकल जाता है। व्यायाम से श्वेत रक्त कोशिकाएं बढ़तीं और स्टे्रस हार्मोन घटते जिससे इम्युनिटी मजबूत होती है।
तनाव से सेल्स को नुकसान
जिन्हें लंबे समय से तनाव है, उनकी इम्युनिटी घट जाती है। उनका इम्युन सिस्टम बिगड़ जाता है। तनाव लेने से शरीर में कई कैमिकल्स रिलीज होते हैं जो अंगों तक ब्लड और ऑक्सीजन पहुंचाने वाली धमनियों पर असर डालते हैं। वे सिकुड़ जाती हैं। इसे वेजोकंस्ट्रक्शन कहते हैं। इससे अंगों तक कम ऑक्सीजन पहुंचती है। वहां के सेल्स डैमेज होने लगते हैं। जिन्हें कोई परेशानी है और वे तनाव लेते हैं तो समस्या गंभीर हो सकती है।
नींद में होती है रिपेयरिंग
रोज 6-8 घंटे की नींद भी इम्युनिटी के लिए जरूरी है। नींद में डैमेज सेल्स की रिपेयरिंग होती है। नींद में ही पॉजेटिव हार्मोन्स रिलीज होते हैं जो शरीर को एक्टिव बनाते हैं। जो रात में जागते और दिन में सोते हैं उनकी जैविक घड़ी (सर्केडियमरिदम) बिगड़ जाती है। इससे इम्युनिटी कम होती है। नींद पूरी लें।
धूम्रपान से प्रोटीन टूटते हैं
धूम्रपान से ऑटोइम्युन रोगों का खतरा रहता है। धुआं श्वास नली के प्रोटीन को बदल देता है जिससे हैल्दी प्रोटीन भी शरीर को नुकसान पहुंचाने लगते हैं। इसे मॉलिक्युलर मिमिकरी कहते हैं। वहां सूजन भी आने लगती है। एल्कोहल की लत और किसी लंबी बीमारी से भी इम्युनिटी पर असर पड़ता है।
90% में विटामिन डी कम
देश की करीब 90 फीसदी आबादी में विटामिन डी की कमी है। इससे भी इम्युनिटी ïïघटती है। देश में अच्छी धूप मिलती है लेकिन लोग बाहर निकलते हुए पूरा शरीर ऐसे पैक कर लेते व सनस्क्रीन लगा लेते हैं कि त्वचा तक धूप की किरणें नहीं पहुंच पातीं। इससे विटामिन डी नहीं मिलता है। सुबह 10-12 बजे के बीच आधा घंटा धूप में बैठें, इस समय ज्यादा यूवी किरणें होती हैं। 80 फीसदी शरीर पर धूप लगनी चाहिए।
डॉ. उमा कुमार, रूमेटोलॉजिस्ट एंड इम्यूनोलॉजिस्ट (विभागाध्यक्ष, रुमेटोलॉजी) एम्स, नई दिल्ली

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