लहसुन (
Garlic detox liver) में सूजन कम करने वाले गुण होते हैं, जिससे इसके तेल का उपयोग शरीर की सूजन को घटाने में सहायक होता है। जब शरीर में चोट लगती है, तब लहसुन का तेल लगाना लाभकारी साबित होता है। यह न केवल विभिन्न बीमारियों के उपचार में मदद करता है, बल्कि शरीर की सफाई के लिए भी इसे उपयोगी माना जाता है। लहसुन का सेवन करने से
लिवर की सफाई होती है और शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं।
लिवर को डिटॉक्स करने में लहसून कैसे फायदेमंद : How garlic is beneficial in detoxifying the liver
विशेषज्ञों का कहना है कि दैनिक आहार में लहसुन (Garlic detox liver) को शामिल करने से लिवर के डिटॉक्सिफिकेशन में सहायता मिलती है। लहसुन में एलिसिन और सेलेनियम जैसे दो महत्वपूर्ण यौगिक होते हैं। ये यौगिक लिवर के एंजाइमों को सक्रिय करने और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करते हैं। इसके अलावा, लहसुन में एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण भी होते हैं, जो संपूर्ण शरीर के डिटॉक्सिफिकेशन में सहायक होते हैं। आप लहसुन का सेवन कच्चा या पका हुआ किसी भी रूप में कर सकते हैं। ऐसे करता है लहसून लिवर को डिटॉक्स : This is how garlic detoxes the liver
लिवर में एलिसिन नामक यौगिक पाया जाता है, जो लिवर की सेहत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह यौगिक लिवर में वसा के संचय को रोकता है, जिससे फैटी लिवर का जोखिम कम होता है। इसके परिणामस्वरूप लिपिड मेटाबॉलिज्म में सुधार होता है और लिवर की सेहत बनी रहती है। लहसुन (
Garlic detox liver) का सेवन करने से लिवर को नुकसान पहुंचने की संभावना घटती है। यह यौगिक शराबी और गैर-शराबी दोनों प्रकार के लिवर पर प्रभाव डालता है।
इस तरीके से करें लहसून का सेवन : Garlic detox liver
लिवर को डिटॉक्स करने के लिए आपको लहसून का सेवन आप खाली पेट भूना हुआ लहसुन खा सकते हैं, लहसुन को आप चटनी या सब्जी बनाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, लहसुन को आप सुबह खाली पेट कच्चा भी खा सकते हैं, खाने में आप लहसुन का पाउडर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। आदि तरीके से आप लहसून के सेवन से लिवर को डिटॉक्स कर सकते हैं। डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।