क्लेम सेटलमेंट के लिए ये हैं डेडलाइन Health Insurance Update : These are the deadlines for claim settlement
– मैच्योरिटी क्लेम, सरवाइवल बेनिफिट्स और वार्षिकी भुगतान यानी एन्युटी पेमेंट को उनकी तय तारीखों (डेट) पर निपटाना होगा। – पॉलिसी सरेंडर या आंशिक निकासी के मामलों का निपटान 7 दिन के भीतर होगा। इससे लिक्विडिटी बढ़ेगी और ग्राहकों को जल्द उनका पैसा मिल जाएगा। – प्रीमियम देय, पॉलिसी भुगतानों, मैच्योरिटी आदि की सूचना कम से कम एक महीने पहले देनी होगी। इससे बीमाधारक जागरूक रहेंगे और पॉलिसी लैप्स या पेमेंट मिस नहीं होगा।
– स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) के मामले में कैशलेस दावों को तीन घंटे के अंदर और नॉन-कैशलेस दावों को 15 दिनों के भीतर निपटाना होगा। इससे मेडिकल इमरजेंसी के समय ग्राहकों को मदद मिलेगी।
– नए बीमा प्रस्ताव की प्रक्रिया 7 दिन में निपटानी होगी, इससे ग्राहकों को जल्द बीमा कवरेज मिलने लगेगा। – पॉलिसी की एक कॉपी प्रस्ताव फॉर्म के साथ पॉलिसीधारक को 15 दिन के अंदर देनी होगी, इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और बीमाधारक पॉलिसी का अच्छी तरह रिव्यू कर सकेंगे।
– यूनिट-लिंक्ड बीमा पॉलिसियों (यूलिप) में स्विच और टॉप-अप रिक्वेस्ट जैसी सेवाओं को 7 दिन के अंदर पूरा करना होगा। इससे पॉलिसीहोल्डर बेहतर तरीके से अपने निवेश को मैनेज कर सकेंगे। यह भी पढ़ें :
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Health Insurance Update : ये भी जानें
– सभी बीमा पॉलिसी इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में जारी होगी, जिसे पॉलिसीहोल्डर डिजिटली साइन कर सकते हैं। – बीमा कंपनियों को कस्टमर इंफॉर्मेशन शीट (सीआइएस) उपलब्ध कराना होगा, जिसमें बीमा से जुड़ी सभी जानकारियों की समरी होगी। – सभी जीवन बीमा पॉलिसी की फ्री-लुक पीरियड 30 दिन होगा।
शिकायतों का निपटारा Health insurance claim settlement process
बीमा से जुड़ी कोई भी समस्या होने पर ग्राहक बीमा कंपनी को शिकायत दर्ज करा सकते हैं। ग्राहक की शिकायतों को बीमाकर्ता को तुरंत स्वीकार करना होगा और 14 दिन के भीतर कार्रवाई शुरू करनी होगी। अगर तय अवधि के भीतर समस्या का समाधान नहीं होता है, तो बीमा कंपनी को शिकायतकर्ता को सूचित कर कारण बताना होगा कि समस्या का निपटारा क्यों नहीं हो सका और इसमें कितना वक्त लगेगा। मामला नहीं सुलझने पर ग्राहक लोकपाल का दरवाजा खटखटा सकते हैं।