ये एक आनुवांशिक बीमारी है जिसमें ख़ून का थक्का बनना बंद हो जाता है। इस बीमारी में खून में थाम्ब्रोप्लास्टिन या क्लॉटिंग फैक्टर की कमी की वजह से होती है, इससे खून जमने नहीं पाता और जब शरीर से खून बहता है तब रक्त से जुड़ी कोशिकाएं ब्लड क्लॉट बनाकर खून के बहाव को रोकती हैं लेकिन जब इस क्लॉटिंग फैक्टर में कमी आती है तब ये हीमोफीलिया का कारण बन सकती हैं।
नाक से खून बहना
जोड़ों में दर्द की समस्या हो जाना
गर्दन में अकड़न महसूस करना
स्किन का आसानी से छिल जाना
सिर दर्द महसूस करना
उल्टी की शिकायत महसूस करना
मसूड़ों और दांतों से खून आने की समस्या होना
इसके अलावा मल से खून आना, गहरे नीले घाव का दिखाई देना, बिना किसी चोट के शरीर का नीला पड़ जाना, चिड़चिड़ाहट महसूस करना आदि. ये अन्य लक्षण दिखने पर भी तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
यदि आपको भी कुछ ऐसे लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। खून पतला करने वाली दवाइयों से परहेज करे। अपनी डाइट में विटामिन और मिनरल्स से भरपूर चीजें शामिल करें। इसके अलावा रोजाना एक्सरसाइज और योग करें। मांसपेशियों और मजबूत हड्डियों के लिए कैल्शियम का सेवन करें। अत्यधिक शारीरिक गतिविधियों को करने से बचें। समय-समय पर अपने दांत और मसूड़ों की जांच करवाते रहें।