अगर आपकी त्वचा रूखी है तो त्वचा को मॉइस्चराइज करना काफी जरूरी है क्योंकि रूखेपन से एलर्जी हो सकती है। स्किन पर मॉइस्चराइज की कमी से खुजली और त्वचा में रूखापन आ सकता है इस कारण त्वचा के संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। मॉइश्चराइजर के यूज का सबसे अच्छा समय शॉवर या स्नान के ठीक बाद का होता है और दिन में भी मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा हाथों और पैरों के रूखेपन को दूर करने के लिए दिन में 3 से 4 बार मॉइश्चराइज़र का प्रयोग कर सकते हैं।
मार्केट में बहुत नए प्रकार के सनस्क्रीन आ गए हैं, लेकिन अगर आप डायबिटिक रोगी हैं, तो आपको 40 एसपीएफ सनस्क्रीन का उपयोग बेहतर होगा। सनस्क्रीन चेहरे को सूरज से होने वाले हानिकारक प्रभावों से बचाने में मदद करता है। ये स्किन को टैन होने से भी बचाता है। नियमित सनस्क्रीन का इस्तेमाल चेहरे को चमकदार बनाने में मदद करता है। सनस्क्रीन को स्किन पर लगाने से पहले पैच टेस्ट जरूर करें। सनस्क्रीन हर मौसम में लगाने की आवश्यकता होती है।
हेल्दी डाइट लें
आज कल के सर्दियों के सीजन में मूंगफली, गजक,चाय पकोड़े सहित ज्यादा तली—भुनी चीजों को खाने की आदत बढ़ जाती है, लेकिन इससे सेहत को नुकसान हो सकता है और इन बस्तुओं में ट्रांसफैट की वजह से आपका मधुमेह नियन्त्रण से बाहर जा सकता है। इसलिए सीजनल फल और सव्जियों का ज्यादा सेवन करें। खूब पानी पीएं ताकि त्वचा को पर्याप्त नमी प्रदान की जा सके। ताजे फलों के रस का सेवन करें।
नहाने के लिए डियोड्रेंट साबुन या बॉडी वॉश के इस्तेमाल से बचना चाहिए। इससे त्वचा का पीएच लेवल प्रभावित होने लगता है। साथ ही स्किन पर लाल चकत्ते , घमोरियों का खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज़ के मरीजों को नहाने के लिए स्किन फ्रेडली बॉडी वॉश या हर्बल साबुन का प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा स्किन पर ज्यादा मात्रा में बॉडी वॉश को अप्लाई करने से भी बचें।
त्वचा को किसी भी प्रकार के संक्रमण, रेडनेस और रैशज से बचाने के लिए ऊनी कपड़ों को पहनने से बचें। अगर आप गर्म कपड़े पहनना चाहते हैं तो पहले सूती के कपड़े की एक लेयर ज़रूर पहन लें। इसके बाद स्वैटर या शॉल पहन सकते हैं। शरीर की त्वचा गर्म कपड़ों के संपर्क में आने से त्वचा में सूजन और खुजली बढ़ने लगती है।