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CPR कब और कैसे करें ? रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा साझा किए गए वीडियो पर उठे बड़े सवाल

CPR When and How to Perform : रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव द्वारा साझा किए गए एक वीडियो ने बड़ी बहस छेड़ दी है। इस वीडियो में एक टीटीई (ट्रैवलिंग टिकट एग्जामिनर) को चलती ट्रेन में 70 वर्षीय होश में व्यक्ति पर CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) करते हुए दिखाया गया।

जयपुरNov 26, 2024 / 10:19 am

Manoj Kumar

CPR When and How to Perform? Big questions raised on the video shared by Railway Minister Ashwini Vaishnav

CPR When and How to Perform? Big questions raised on the video shared by Railway Minister Ashwini Vaishnav

CPR When and How to Perform : हाल ही में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) द्वारा साझा किया गया एक वीडियो विवादों में घिर गया है। इस वीडियो में एक ट्रेन टिकट परीक्षक (TTE) को चलती ट्रेन में 70 वर्षीय व्यक्ति पर CPR (कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन) करते हुए दिखाया गया। हालांकि, यह व्यक्ति होश में था, और डॉक्टरों ने इस पर आपत्ति जताई।

डॉक्टरों ने वीडियो पर क्या कहा?

विशेषज्ञों का कहना है कि CPR केवल तभी दिया जाना चाहिए जब मरीज बेहोश हो और उसकी सांस और दिल की धड़कन रुक गई हो। वीडियो में दिखाया गया कि व्यक्ति होश में था, जो CPR देने के लिए उचित स्थिति नहीं है।
डॉक्टरों ने यह भी सुझाव दिया कि जिस समय CPR शुरू किया गया, ट्रेन को तुरंत रोका जाना चाहिए था। इसके अलावा, वीडियो में दिखाया गया माउथ-टू-माउथ रेससिटेशन केवल तभी किया जाना चाहिए जब मरीज बेहोश हो और सांस नहीं ले रहा हो।

सीपीआर कब और क्यों दिया जाता है? When and why is CPR given?

CPR एक आपातकालीन जीवनरक्षक प्रक्रिया है, जो किसी व्यक्ति के हृदय गति और सांस अचानक रुकने पर की जाती है। इसका मुख्य उद्देश्य रक्त और ऑक्सीजन के प्रवाह को बनाए रखना है।
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किस स्थिति में सीपीआर देना चाहिए? In which situation should CPR be given?

  • जब मरीज बेहोश हो और प्रतिक्रिया न दे रहा हो।
  • जब उसकी सांसें और हृदय गति रुक गई हों।

किस स्थिति में सीपीआर नहीं देना चाहिए?

  • जब मरीज होश में हो।
  • जब सांस और हृदय की गतिविधि सामान्य हो।

सीपीआर कैसे करें? How to do CPR?

1. परंपरागत सीपीआर:
  • इसमें छाती पर 30 बार जोरदार और तेज दबाव (कंप्रेशन) दिया जाता है।
  • इसके बाद दो बार माउथ-टू-माउथ सांस दी जाती है।
2. हाथों से सीपीआर (Hands-Only CPR):

  • इसमें केवल छाती पर तेज और निरंतर दबाव दिया जाता है।
  • यह विधि तब अपनाई जाती है जब माउथ-टू-माउथ सांस देने का विकल्प न हो।

सीपीआर के दौरान ध्यान देने योग्य बातें

  • छाती पर दबाव की गहराई 2 से 2.4 इंच होनी चाहिए।
  • प्रति मिनट 100–120 दबाव की गति बनाए रखें।
  • मरीज को सुरक्षित स्थान पर रखें।
  • ऑटोमेटेड एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर (AED) का उपयोग करें यदि उपलब्ध हो।
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रेल मंत्री के बयान पर प्रतिक्रिया

रेल मंत्री ने बाद में स्पष्ट किया कि “सीपीआर तभी रोका जाना चाहिए जब मरीज होश में आ जाए या प्रतिक्रिया देने लगे।” लेकिन विशेषज्ञों ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह वीडियो गलत संदेश दे सकता है।
सीपीआर एक महत्वपूर्ण जीवनरक्षक प्रक्रिया है, लेकिन इसे सही समय और सही तरीके से करना बेहद जरूरी है। किसी भी आपात स्थिति में सीपीआर देने से पहले यह सुनिश्चित करें कि मरीज बेहोश और सांसहीन है। गलत तरीके से CPR करने से फायदे के बजाय नुकसान हो सकता है।

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