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COVID-19 : छुट्टियों के बाद कोविड के मामलों में उछाल, बूस्टर डोज की कमी बनी चिंता

COVID-19 : अमेरिका में कोविड-19 के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं, खासकर त्योहारों के बाद। शरद ऋतु में संक्रमण दर में आई अस्थायी गिरावट के बाद अब यह उछाल चिंता का विषय बन गया है।

नई दिल्लीJan 06, 2025 / 10:38 am

Manoj Kumar

US Faces Post-Holiday COVID Wave Amid Low Booster Coverage

US Faces Post-Holiday COVID Wave Amid Low Booster Coverage

COVID-19 Cases Surge Post Holidays : क्रिसमस और न्यू ईयर के मौसम के बाद अमेरिका में कोविड-19 (COVID-19) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यह उछाल एक असामान्य गिरावट के बाद आया है, जो पूरे शरद ऋतु में दिखाई दी थी। विशेषज्ञ इसे बूस्टर टीकाकरण की धीमी गति और संक्रमण रोकने के उपायों में कमी का नतीजा मान रहे हैं।

COVID-19 : बूस्टर टीके का कम कवरेज

हाल ही में उपलब्ध बूस्टर टीके को केवल 21.4% वयस्क और 10.3% बच्चे ही लगवा पाए हैं। नर्सिंग होम के निवासी, जो सबसे अधिक जोखिम में हैं, उनमें से भी केवल 37% टीकाकरण करवाने में सफल हुए हैं। हालांकि यह आंकड़ा पिछले साल के 23% की तुलना में बेहतर है, फिर भी यह सुरक्षा के लिए पर्याप्त नहीं है।

COVID-19 : कोविड महामारी अभी खत्म नहीं हुई”

येल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के बायोस्टैटिस्टिक्स प्रोफेसर जेफरी टाउनसेंड ने कहा, “कोविड (COVID-19) महामारी अभी भी जारी है और यह खतरनाक बनी हुई है। सार्वजनिक स्वास्थ्य और इसकी संचार रणनीति को इस बात पर स्पष्ट रहना होगा कि कोविड के खिलाफ लड़ाई में क्या कदम उठाने जरूरी हैं।”
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COVID-19 : लॉन्ग कोविड का खतरा और आर्थिक असर

कोविड से केवल गंभीर बीमारी और मृत्यु का ही खतरा नहीं है, बल्कि लॉन्ग कोविड के कारण लंबे समय तक स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। अगस्त-सितंबर में CDC द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, 5.3% अमेरिकी वयस्कों ने लॉन्ग कोविड के मौजूदा लक्षणों की रिपोर्ट की। इसके अलावा, स्कूल और कामकाज छूटने से आर्थिक प्रभाव भी झेलना पड़ता है।

“यह सिर्फ बीमार महसूस करने का मामला नहीं है”

टाउनसेंड ने कहा, “यह बीमारी आपके शरीर पर ऐसे बुरे प्रभाव डाल सकती है, जिन्हें हम अभी तक पूरी तरह समझ नहीं पाए हैं। इसे रोकना, चाहे आप कितने भी स्वस्थ क्यों न हों, जरूरी है।”

पिछले वर्षों के मुकाबले अलग पैटर्न

कोविड ने अब तक हर साल गर्मी और सर्दी में दो लहरें दिखाईं हैं। हालांकि इस बार शरद ऋतु में लंबे समय तक संक्रमण की दर में गिरावट रही, जिससे मौजूदा सर्दियों में मामलों में उछाल अपेक्षित है।
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नए वेरिएंट्स और इम्युनिटी का प्रभाव

विशेषज्ञ मानते हैं कि कोविड अभी तक एक स्थिर, स्थानिक (एंडेमिक) स्थिति तक नहीं पहुंचा है। नए वेरिएंट्स और लोगों में मौजूद इम्युनिटी इस बात को प्रभावित करती है कि मामले कब और कितने गंभीर होंगे।

टीकाकरण और निगरानी पर जोर

विशेषज्ञों का कहना है कि बूस्टर टीकों की स्वीकार्यता बढ़ाना और संक्रमण दर पर नजर रखना जरूरी है। वेस्टवॉटर, अस्पताल में भर्ती मरीजों और अन्य संकेतकों की निगरानी से लहरों का समय पर पता लगाया जा सकता है।


राजनीतिकरण का बढ़ता खतरा

विशेषज्ञों को चिंता है कि कोविड से जुड़ी नीतियों का भविष्य अनिश्चित हो सकता है, खासकर राजनीतिक बदलावों के कारण। प्रोफेसर टाउनसेंड ने कहा, “पिछले प्रशासन के दौरान काफी भ्रम की स्थिति रही थी। इस बार, यह देखना होगा कि कोविड की रोकथाम पर कितना ध्यान दिया जाएगा।”
कोविड-19 अभी भी गंभीर खतरा बना हुआ है। बूस्टर टीकाकरण, मास्क पहनने और स्वच्छ हवा जैसे उपायों को अपनाना न केवल संक्रमण रोकने के लिए बल्कि लॉन्ग कोविड और आर्थिक प्रभावों से बचाव के लिए भी आवश्यक है। जनता और प्रशासन दोनों को सतर्क रहने की जरूरत है।

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