पोषक तत्व व फायदे
एंटीबैक्टीरियल, एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर तेल में हल्दी मिलाकर लगाने से फ टी एड़ी और घाव जल्दी भरता है। आंखों में जलन, पानी आना, लाल होने पर इसके पत्तों को पीसकर आंखें बंद करीब एक घंटे तक रखें, इससे आराम मिलेगा। इसके अलावा पाचन बिगडऩे, जोड़ों में दर्द, त्वचा, हृदय व दांत संबंधी दिक्कतें होने पर शीशम के पत्ते व जड़ प्रयोग में लेते हैं।
ऐसे करें प्रयोग
* दांतदर्द में शीशम का तेल की रुई का फाहा लगाने से आराम मिलता है।
* पांच पत्तों के साथ मिश्री लेने से प्यास कम लगेगी, पसीना कम आएगा।
* गुनगुने दूध में 1० से 15 बूंद तेल मिलाकर लेने से कफ में लाभ होगा।
* सर्दी-जुकाम में 8 से १० पत्ते उबालें। ठंडा होने पर छानकर पीएं।
* उल्टी की समस्या में पेड़ की छाल का काढ़ा और मधुमेह में नीम, शीशम व सदाबहार के पत्ते उबालकर लें।
डॉ. गुलाबचंद पमनानी, आयुर्वेद विशेषज्ञ, एनआइए