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APOE4 Protein से मस्तिष्क की सुरक्षा में खलल, बढ़ता है अल्जाइमर का खतरा

APOE4 protein and Alzheimer’s risk : हाल ही में हुए एक शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि एक विशेष प्रकार का प्रोटीन, APOE4 मस्तिष्क की प्रतिरक्षा प्रणाली में हस्तक्षेप कर सकता है।

जयपुरNov 06, 2024 / 12:15 pm

Manoj Kumar

APOE4 protein and Alzheimer's risk

APOE4 protein and Alzheimer’s risk

APOE4 protein and Alzheimer’s risk : हाल ही में हुए एक शोध में वैज्ञानिकों ने पाया है कि एक विशेष प्रकार का प्रोटीन, APOE4 मस्तिष्क की प्रतिरक्षा प्रणाली में हस्तक्षेप कर सकता है। इस हस्तक्षेप का प्रभाव अल्जाइमर रोग (Alzheimer’s disease) के जोखिम को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आइए, समझते हैं कि यह प्रोटीन कैसे मस्तिष्क की संरचना और कार्यप्रणाली को प्रभावित करता है और इसके संभावित उपचार के क्या विकल्प हो सकते हैं।

क्या है APOE4 और इसका माइक्रोग्लिया पर प्रभाव?

APOE4 एक प्रकार का प्रोटीन है, जो मस्तिष्क की प्रतिरक्षा कोशिकाओं, जिसे माइक्रोग्लिया कहा जाता है, पर असर डालता है। माइक्रोग्लिया का कार्य मस्तिष्क को हानिकारक प्रोटीन और तत्वों से बचाना होता है, लेकिन APOE4 की उपस्थिति में यह अपनी सामान्य कार्यक्षमता खो सकता है। यह प्रोटीन माइक्रोग्लिया को हानिकारक बना सकता है और अल्जाइमर रोग (Alzheimer’s disease) के विकास की संभावनाओं को बढ़ा सकता है।

अध्ययन का तरीका: काइमेरिक चूहों का मॉडल

अमेरिका के ग्लैडस्टोन इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने इस शोध के लिए एक काइमेरिक चूहे का मॉडल तैयार किया। इस चूहे के मॉडल में न केवल मानव एपीओई जीन जोड़ा गया, बल्कि मानव न्यूरॉन्स भी प्रत्यारोपित किए गए, जो एपीओई4 प्रोटीन (APOE4 protein) बनाते हैं। इस मॉडल के जरिए यह समझने में मदद मिली कि एपीओई4 का मस्तिष्क की प्रतिरक्षा प्रणाली पर कैसा प्रभाव होता है।

APOE4 के साथ मस्तिष्क में कैसे जमता है एमिलॉयड और टाउ?

वैज्ञानिकों ने पाया कि जैसे-जैसे चूहों की उम्र बढ़ती गई, उनके मस्तिष्क में एमिलॉयड और टाउ नामक प्रोटीनों का जमाव भी बढ़ता गया। ये दोनों प्रोटीन अल्जाइमर की प्रमुख विशेषताएं मानी जाती हैं और मस्तिष्क के संज्ञानात्मक कार्य को बाधित करती हैं। टीम ने एक विशेष दवा के माध्यम से चूहों के मस्तिष्क से माइक्रोग्लिया को हटाया और इसके परिणामस्वरूप, एपीओई4 न्यूरॉन्स वाले चूहों में एमिलॉयड और टाउ का स्तर काफी कम हो गया।

APOE4 और माइक्रोग्लिया का संयुक्त प्रभाव

अध्ययन के निष्कर्षों से पता चलता है कि एपीओई4 और माइक्रोग्लिया मिलकर अल्जाइमर रोग (Alzheimer’s disease) को संचालित करने में सहायक हो सकते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि जब APOE4 और एपीओई3 युक्त मानव न्यूरॉन्स मौजूद होते हैं, तो माइक्रोग्लिया में सूजन उत्पन्न करने वाले मॉलिक्यूल्स की संख्या बढ़ जाती है। इस तरह की सूजन भी अल्जाइमर रोग की एक विशेषता है, जो मस्तिष्क में संज्ञानात्मक कार्यक्षमता को प्रभावित करती है।

संभावित उपचार: APOE4 स्तरों को कम करने वाली दवाएं

ग्लैडस्टोन के वरिष्ठ अन्वेषक, याडोंग हुआंग के अनुसार, ऐसी दवाएं जो एपीओई4 के स्तर को कम करती हैं या माइक्रोग्लिया की सूजन संबंधी गतिविधियों को नियंत्रित करती हैं, वे अल्जाइमर के उपचार में सहायक हो सकती हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि इन दवाओं के माध्यम से मस्तिष्क में एपीओई4 के प्रभाव को कम करके अल्जाइमर से सुरक्षा प्राप्त की जा सकती है।
यह अध्ययन अल्जाइमर रोग के पीछे के कारणों और इसके संभावित उपचार को समझने में एक महत्वपूर्ण योगदान देता है। APOE4 का मस्तिष्क की प्रतिरक्षा प्रणाली पर प्रभाव और माइक्रोग्लिया के साथ इसका संयोग अल्जाइमर के लिए एक जटिल परिदृश्य प्रस्तुत करता है।

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