एरोबिक व्यायाम Aerobic exercise
एरोबिक व्यायाम जैसे कि चलना, साइकिल चलाना और तैरना कुल मिलाकर जोड़ स्वास्थ्य के लिए उत्कृष्ट होते हैं। ये व्यायाम जोड़ों में रक्त प्रवाह बढ़ाते हैं, आस-पास की मांसपेशियों को मजबूत बनाते हैं और स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करते हैं, जिससे जोड़ों पर दबाव कम होता है। - चलना: दिन में 30 मिनट तेज चलना जोड़ों की लचीलापन में सुधार और कठोरता को कम करता है।
- साइकिल चलाना: यह कम प्रभाव वाला व्यायाम है जो पैर की मांसपेशियों को मजबूत करता है और घुटनों और कूल्हों को सहारा देता है।
- तैरना: तैरना पूरे शरीर की कसरत प्रदान करता है बिना जोड़ों पर दबाव डाले।
स्ट्रेचिंग व्यायाम Stretching exercises
स्ट्रेचिंग व्यायाम लचीलापन बनाए रखने, कठोरता कम करने और जोड़ों की गति सीमा को सुधारने के लिए आवश्यक हैं। इन 5 स्ट्रेचिंग व्यायामों को अपनाएं:
- क्वाड्रिसेप्स स्ट्रेच: एक पैर पर खड़े हों, दूसरे पैर को पीछे की ओर खींचें और एड़ी पकड़ें।
- हैमस्ट्रिंग स्ट्रेच: फर्श पर बैठें, एक पैर सीधा रखें और पैर की उंगलियों की ओर बढ़ें।
- कैल्फ स्ट्रेच: एक पैर आगे रखें, घुटना मोड़ें और दूसरे पैर को सीधा पीछे रखें, एड़ी फर्श पर रखें।
- हिप फ्लेक्सर स्ट्रेच: एक घुटने पर घुटना टेकें, दूसरा पैर आगे रखें और आगे की ओर झुकें।
- शोल्डर स्ट्रेच: एक हाथ को शरीर के पार रखें और दूसरे हाथ से धीरे-धीरे खींचें।
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प्रतिरोध प्रशिक्षण जोड़ों के आस-पास की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे बेहतर समर्थन और स्थिरता मिलती है। इन 5 प्रतिरोध व्यायामों को करें:
- लेग प्रेस: क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग्स और ग्लूट्स को मजबूत करता है।
- लेट्रल बैंड वॉक्स: थाई के चारों ओर प्रतिरोध बैंड का उपयोग करके हिप अबडक्टर्स को मजबूत करें।
- बाइसेप कर्ल्स: कोहनी के जोड़ के आस-पास की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
- ट्राइसेप एक्सटेंशन्स: कोहनी और कंधे के जोड़ की मांसपेशियों को मजबूत करता है।
- चेस्ट प्रेस: कंधे के जोड़ के आस-पास की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है।
संतुलन व्यायाम Balance Exercises
संतुलन व्यायाम मांसपेशियों को मजबूत करते हैं और स्थिरता में सुधार करते हैं, जिससे गिरने और चोट लगने का खतरा कम होता है जो जोड़ों को प्रभावित कर सकता है। ये 5 संतुलन व्यायाम करें:
- सिंगल-लेग स्टैंड: एक पैर पर 30 सेकंड खड़े रहें, फिर दूसरे पैर पर स्विच करें।
- हिप एबडक्शन: सीधे खड़े हों और एक पैर को साइड में उठाएं, थोड़ी देर रखें फिर नीचे करें।
- हाई लंजेस: एक पैर को आगे की ओर लुंज पोजीशन में रखें, फिर वापस खड़े हों।
- बैक लेग रेज़: एक पैर पर खड़े होकर दूसरे पैर को सीधे पीछे उठाएं।
- साइडस्टेपिंग: एड़ियों के चारों ओर प्रतिरोध बैंड का उपयोग करके साइड में कदम बढ़ाएं।
शक्ति प्रशिक्षण Strength training
शक्ति प्रशिक्षण मांसपेशियों की ताकत और जोड़ कार्यक्षमता को बढ़ाता है और हड्डियों की मजबूती बनाए रखने में मदद करता है। इससे उम्र के साथ होने वाले ऑस्टियोआर्थराइटिस या रूमेटोइड आर्थराइटिस के खतरे को कम किया जा सकता है। ये 5 व्यायाम करें:
- हाफ स्क्वाट: कंधे-चौड़ाई के साथ खड़े हों, आधा स्क्वाट करें और फिर वापस खड़े हों।
- साइड लेग रेज़: सीधे खड़े होकर एक पैर को साइड में उठाएं, फिर नीचे करें।
- स्टेप अप्स: एक सीढ़ी या बॉक्स पर एक पैर रखें, दूसरे पैर को ऊपर लाएं, फिर नीचे करें।
- कैल्फ रेज़: पंजों पर खड़े होकर उठें, फिर एड़ी नीचे करें।
- स्टैंडिंग हैमस्ट्रिंग कर्ल्स: सीधे खड़े होकर एक एड़ी को बट की ओर उठाएं, फिर नीचे करें।
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इन व्यायामों को अपने दिनचर्या में शामिल करके अपने जोड़ स्वास्थ्य में सुधार करें:
- योग: विभिन्न आसनों और स्ट्रेचेस के माध्यम से लचीलापन, शक्ति और संतुलन में सुधार करता है।
- पिलाटेस: कोर की ताकत, लचीलापन और संपूर्ण शरीर की स्थिति पर ध्यान केंद्रित करता है, जो जोड़ स्वास्थ्य का अप्रत्यक्ष समर्थन करता है।
- ताई ची: हल्के-फुल्के आंदोलनों से संतुलन, लचीलापन और मांसपेशियों की ताकत में सुधार होता है, साथ ही जोड़ों पर दबाव कम होता है।
नियमितता बनाए रखें
इन व्यायामों को नियमित रूप से करने से आपके जोड़ों को गतिशील बनाए रखने में मदद मिलेगी, जिससे जोड़ दर्द और अन्य समस्याओं का जोखिम कम होगा। हर दिन कुछ समय निकालकर इन व्यायामों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
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व्यायाम करते समय सही तकनीक का पालन करना महत्वपूर्ण है ताकि चोट से बचा जा सके। यदि आपको जोड़ों में गंभीर दर्द या असुविधा महसूस हो, तो व्यायाम शुरू करने से पहले डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट से परामर्श करें।
उम्र के साथ जोड़ों की सुरक्षा के लिए इन व्यायामों को अपनाकर आप न केवल अपने जोड़ों को स्वस्थ रख सकते हैं, बल्कि अपने संपूर्ण स्वास्थ्य और जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार कर सकते हैं।