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दिल्ली की महिला ने यूपी पुलिस के दरोगा पर लगाया दुष्कर्म का आरोप यहां बता दें कि हाथरस कांड के लिए गृह सचिव भगवान स्वरूप की अध्यक्षता में एसआईटी की गई थी। एसआईटी को बुधवार को अपनी जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपनी थी, लेकिन जांच अभी भी पूरी नहीं हो सकी है। इसलिए एसआईटी को अतिरिक्त समय दिया गया है। सूत्रों की मानें तो एसआइटी ने अब तक पुलिसकर्मियों सहित करीब 100 लोगों के बयान लिए हैं। जांच के दौरान कई पुलिसकर्मियों की लापरवाही भी उजागर हुई है। गौरतलब है कि एसआईटी की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर ही हाथरस के एसपी और पुलिस उपाधीक्षक समेत पांच पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया था।
उल्लेखनीय है कि सीएम योगी के निर्देश पर ही 30 सितंबर को गृह सचिव भगवान स्वरूपकी अध्यक्षता में एसआइटी का गठन किया गया था। एसआइटी को जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए सात दिन का समय दिया गया था। तभी से एसआइटी युवती के परिवार से मुलाकत के साथ कई बिंदुओं पर सिलसिलेवार जांच कर रही है। वहीं, सरकार मामले में सीबीआइ जांच कराने की सिफारिश भी कर चुकी है। वहीं, इस हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी अलग सुनवाई शुरू हो चुकी है।