जानकारी के अनुसार मृतक राजू पुत्र फकीरचंद की लखुवाली में रिश्तेदारी थी। लखूवाली में ही आरोपी दीपक उर्फ दीपू का ननिहाल था। करीब डेढ़ वर्ष पूर्व आरोपी दीपू लखुवाली में शादी के दौरान मृतक की पत्नी आशा से मुलाकात हुई। वह फोन पर बातें करने लगे। दोनों शादी करना चाहते थे लेकिन इसमें पति बाधा बना हुआ था। दोनों ने राजू को रास्ते से हटाने की साजिश रची।
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इस दौरान आरोपी दीपू ने गांव नूरपुरा के ही रहने वाले अपने दोस्त विकास पुत्र जयसिंह को 20 हजार रूपए का लालच देकर प्रेमिका के पति को रास्ते से हटाने की साजिश में शामिल कर लिया। शनिवार की रात्रि को मृतका की पत्नी आशा ने अपने पति को नशीली गोलियां देकर बेहोश कर दिया। बेहोशी की हालत में तीनों ने मिलकर रस्सी से गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी तथा हत्या को दुर्घटना में बदलने के लिए मोटरसाइकिल पर लादकर मृतक के शव को घर के नजदीक ही स्थित मंदिर के समक्ष फैंक दिया।
थाना प्रभारी विजय मीणा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों को गुरूवार को न्यायालय में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड प्राप्त किया जाएगा। गौरतलब है कि घटना को लेकर मृतक के चचेरे भाई सुनील कुमार पुत्र रामलाल ओड ने रविवार को रिपोर्ट दर्ज करवाई कि उनके ताऊ का लड़का राजू (32) पुत्र फकीर चंद ओड के वार्ड में ही स्थित मंदिर के समीप पडे़ होने की सूचना मिली। मौके पर जाकर देखने पर वह मोटरसाइकिल के पास मृत अवस्था में पाया गया।
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उन्होंने राजू की हत्या होने का अंदेशा जताया था। पुलिस जांच के दौरान मृतक के गले पर नीले निशान व शरीर के अन्य हिस्से पर खरोंच व मुंह से झाग निकला हुआ मिलने पर पुलिस को हत्या होने का संदेह होने पर मृतक की पत्नी आशा से कड़ाई से पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान उन्होंने अपने प्रेमी संग मिलकर पति की हत्या करने की बात स्वीकार कर ली। हत्या की गुत्थी सुलझाने में थाना प्रभारी विजय मीणा के सुपरविजन में हेड कांस्टेबल बलतेज सिंह, कांस्टेबल रमेश डेलू व अमन नैण की भूमिका रही।