हनुमानगढ़ की सहकारी स्पिनिंग मिल को शुरू करने की मांग को लेकर राजस्थान पत्रिका ‘आन पर आंच’ शीर्षक से लगातार मुहिम चला रही है। मिल संबंधी समाचारों के प्रकाशन से लोग इस मांग को लेकर मुखर हो रहे हैं। इसी क्रम में रविवार को जंक्शन में रिले केंद्र के पास स्थित व्यापार मंडल धर्मशाला में टॉक शो का आयोजन होगा। इसमें प्रमुख संगठनों के लोग शामिल होकर मिल संचालन मामले में चर्चा करेंगे।
हनुमानगढ़ की सहकारी स्पिनिंग मिल शुरुआती दिनों में हमेशा फायदे में रही। बाद में प्रदेश की अन्य मिलों को मिलाकर फैडरेशन बना दिया गया। इसके बाद हनुमानगढ़ की मिल का संचालन भी जयपुर में बैठे अफसर करने लगे। इससे इस मिल का प्रबंधन गलत हाथों में चला गया। सहकारिता के जानकार कहते हैं कि 1992-93 में हनुमानगढ़ स्पिनिंग मिल के खाते से गुलाबपुरा यूनिट को करीब आठ करोड़ रुपए बिना किसी कारण के जारी कर दिए गए। इससे हनुमानगढ़ मिल का लाभांश कम हो गया। इसके बाद राजनीतिक कारणों से तत्कालीन सरकार ने यह राशि हनुमानगढ़ यूनिट को वापस नहीं दिला पाई। इस वजह से हनुमानगढ़ की धागा मिल का लाभांश कम होता चला गया। अब भी वर्तमान सरकार यदि हनुमानगढ़ की स्पिनिंग मिल के हिस्से की उक्त आठ करोड़ की राशि को ब्याज सहित वापस लौटा तो मिल की मशीनें दौडऩे लगेगी। हजारों किसानों व मजदूरों को इससे लाभ होने लगेगा। बेरोजगारी की समस्या काफी हद तक दूर सकेगी। जिले के आर्थिक विकास का पहिया भी तेजी से घूमने लगेगा। क्यों जिले में कपास का उत्पादन बड़े स्तर पर होता है। कच्चा माल समुचित मात्रा में उपलब्ध होने से यहां पर धागा मिल संचालन की काफी अच्छी संभावनाएं है।
खूब की कमाई, पुरस्कार भी जीते
हनुमानगढ़ की सहकारी स्पिनिंग मिल का इतिहास सुनहरा रहा है। किसी समय हनुमानगढ़ की इस धागा मिल का प्रबंधन सीनीयर आईएएस अधिकारियों के हाथों में होता था। उस वक्त मिल को कई राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिले। वर्ष 2014-15 में जिस समय मिल में तालाबंदी की गई थी, उस समय हनुमानगढ़ के स्पिनिंग मिल इकाई के पूरे सेटअप का बाजार मूल्य करीब 83 करोड़ अनुमानित माना गया था। इस मिल की बात करें तो उत्पादन शुरू होने के बाद से इस मिल ने सरकार के खजाने में करीब 72 करोड़ का टैक्स जमा हुआ है। इस तरह साफ है कि इस मिल ने किसानों व मजदूरों की मेहनत के बल पर खूब कमाई की। धागों की गुणवत्ता के मामले में हनुमानगढ़ का देश-विदेशों में नाम भी किया। परंतु सियासी कारणों से मिल का प्रबंधन लगातार बिगड़ता चला गया।
बैठक में स्थिति होगी साफ
जिला मुख्यालय पर स्थापित हनुमानगढ़ सहकारी स्पिनिंग मिल मामले में चर्चा करने के लिए पांच फरवरी को जयपुर में बैठक रखी गई है। मुख्यालय की ओर से स्पिनिंग मिल हनुमानगढ़ में नियुक्त अवसायक भंवर सिंह बाजिया की ओर से बैठक के संबंध में सूचित किया गया है। बैठक के बाद ही आगे की स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।
-मनोज कुमार मान, कारखाना प्रबंधक, सहकारी स्पिनिंग मिल हनुमानगढ़