अनूठी आस्था…ऐसा मंदिर जहां भक्त भोग में चढ़ाते हैं प्याज
Goga Temple : हनुमानगढ़ में गोगामेड़ी में गोगा मंदिर है। जिसकी कई प्रदेशों में आस्था है। श्रद्धालुओं की अनोखी आस्था है कि वे गोगा मंदिर में महाराज को प्याज और दाल का भोग चढ़ाते हैं। उत्तर प्रदेश से गोगाजी का कनेक्शन जानेंगे तो ताज्जुब करेंगे।
आशीष जोशी हनुमानगढ़ में गोगामेड़ी में गोगा मंदिर है। जिसकी कई प्रदेशों में आस्था है। श्रद्धालुओं की अनोखी आस्था है कि वे गोगा मंदिर में महाराज को प्याज और दाल का भोग चढ़ाते हैं। उत्तर प्रदेश से गोगाजी का कनेक्शन जानेंगे तो ताज्जुब करेंगे। हाथों में थामे विशाल निशान (गोलगाछड़ी), नाचते-गाते, पीले वस्त्र पहने श्रद्धालुओं का सैलाब…। यह मंदिर साम्प्रदायिक सद्भाव के साथ-साथ यहां चढ़ने वाला भोग भी अनूठा है। उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों से आने वाले भक्त यहां प्याज चढ़ाते हैं। शुक्रवार को गोगानवमी पर एक दिन में यहां करीब दो लाख श्रद्धालुओं ने लोक देवता गोगाजी के मंदिर में धोक लगाई। 30 अगस्त से शुरू हुआ मेला 29 सितम्बर तक चलेगा। उत्तर प्रदेश गोगाजी का ससुराल कहा जाता है। ससुराल पक्ष के लोग पीले वस्त्र में पहुंच रहे हैं और भोग में खासतौर पर प्याज और दाल लेकर आए हैं।
मान्यता: इसलिए चढ़ाते हैं प्याज और दाल
मंदिर व्यवस्था में जुटे नरेंद्र शर्मा बताते हैं, इसके पीछे अलग-अलग मान्यताएं हैं। बताया जाता है कि करीब एक हजार साल पहले यहां गोगाजी और मोहम्मद गजनवी के बीच युद्ध हुआ था। गोगाजी ने विभिन्न स्थानों से सेनाएं बुलाई थीं। सैनिक अपने साथ रसद में प्याज और दाल भी लेकर आए थे।
नरेंद्र शर्मा बताते हैं, युद्ध में गोगाजी वीरगति को प्राप्त हुए। वापसी में सैनिकों ने प्याज और दाल गोगाजी की समाधि पर ही अर्पित कर दिए। तभी से इस जगह प्याज और दाल चढ़ाने की परंपरा शुरू हो गई। बुजुर्ग उनके घोड़े के लिए भी दाल चढ़ाने की बात कहते हैं। भक्त इन्हें गोगाजी चौहान, जाहर वीर व जाहर पीर के नामों से पुकारते हैं।