scriptदोस्त ने दिया दगा, नहर में गिरी नहीं थी कार, धक्का देकर गिराई गई थी | The friend gave the hoax, the car did not fall in the canal, it was pu | Patrika News
हनुमानगढ़

दोस्त ने दिया दगा, नहर में गिरी नहीं थी कार, धक्का देकर गिराई गई थी

हनुमानगढ़. लखूवाली के पास फरवरी में इंदिरा गांधी नहर में कार सहित चार जनों के गिरने का मामला कोई दुर्घटना नहीं थी बल्कि सुनियोजित ढंग से अंजाम दी गई हत्या की साजिश थी।

हनुमानगढ़Jul 10, 2021 / 09:53 pm

adrish khan

दोस्त ने दिया दगा, नहर में गिरी नहीं थी कार, धक्का देकर गिराई गई थी

दोस्त ने दिया दगा, नहर में गिरी नहीं थी कार, धक्का देकर गिराई गई थी

दोस्त ने दिया दगा, नहर में गिरी नहीं थी कार, धक्का देकर गिराई गई थी

– कार सवार चार जनों की नहर में डूबने का मामला दुर्घटना नहीं बल्कि सुनियोजित ढंग से हत्या

– संपत्ति विवाद के चलते चालक ने अपने काश्तकार के साथ मिलकर दिया वारदात को अंजाम – पुलिस ने किया प्रकरण का खुलासा
हनुमानगढ़. लखूवाली के पास फरवरी में इंदिरा गांधी नहर में कार सहित चार जनों के गिरने का मामला कोई दुर्घटना नहीं थी बल्कि सुनियोजित ढंग से अंजाम दी गई हत्या की साजिश थी। पुलिस ने शनिवार को इस बहुचर्चित प्रकरण का खुलासा करते हुए नई परतें खोली। पुलिस ने गहन जांच-पड़ताल, ह्यूमन इंटेलीजेंस आदि के आधार पर मामले का पटाक्षेप करते हुए एक जने को गिरफ्तार कर लिया है। पूर्व में मुख्य आरोपी कार चालक के खिलाफ दर्ज गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज था जो अब हत्या में तब्दील हो गया है। मुख्य आरोपी ने जांच के दौरान ही उच्च न्यायालय में रिट पिटिशन दायर कर दी थी। कोर्ट के निर्णय की पालना में मुख्य आरोपी को नोटिस दिया गया है। पुलिस विधिक प्रक्रिया के तहत अनुसंधान कर उसकी गिरफ्तारी करेगी। हालांकि जांच अधिकारी के समक्ष पेश होकर मुख्य आरोपी अपना जुर्म स्वीकार चुका है। एसपी प्रीति जैन ने शनिवार को प्रेस वार्ता में प्रकरण की जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य आरोपी एवं वारदात के दौरान कार चला रहे रमेश कुमार स्वामी का मृतक विनोद कुमार से भूमि विक्रय को लेकर विवाद था। आरोपी से कृषि भूमि खरीदने के लिए विनोद कुमार ने उसे 15 लाख रुपए भी दिए थे। बाद में भारतमाला प्रोजेक्ट क्षेत्र में उक्त भूमि आने के कारण उसका बाजार भाव बढ़ गया। ऐसे में आरोपी रमेश कुमार भूमि विक्रय करने तथा 15 लाख रुपए लौटाने को लेकर आनाकानी करने लगा। इसको लेकर दोनों के बीच विवाद हुआ तो जनवरी 2021 से आरोपी रमेश कुमार ने विनोद की हत्या की प्लानिंग करनी शुरू कर दी। आठ फरवरी 2021 को विनोद कुमार को अपनी पुत्री दीया को अध्ययन के लिए सीकर छोडऩे जाना था। इसका पता रमेश स्वामी को लगा तो उसने भी साजिश के तहत कार चालक के रूप में साथ चलने की बात कही। इस पर विनोद कुमार सहमत हो गया। आरोपी रमेश कुमार ने अपने काश्तकार रामलाल (34) पुत्र भीखराम नायक निवासी मल्लडख़ेड़ा, संगरिया के साथ मिलकर कार को इंदिरा गांधी नहर में डालने की योजना बनाई। सीकर से वापसी के समय पूर्व योजना के तहत रमेश कुमार ने अपने काश्तकार रामलाल को लखूवाली हैड बुला लिया। फिर हैड पर नहर किनारे कार को लघु शंका के बहाने रोका। वहां पहले से मौजूद रामलाल के साथ मिलकर रमेश ने कार को धक्का दिया तथा नहर में गिरा दिया। कार में सवार विनोद कुमार, उसकी पत्नी रेणू बाघला, पुत्री इशिका तथा सुनीता भाटी की मौत हो गई। प्रेस वार्ता में एएसपी जस्साराम बोस, हनुमानगढ़ सीओ सिटी प्रशांत कौशिक तथा रावतसर सीओ रणवीरसिंह मीणा मौजूद रहे। परतें खोलने को जुटी पुलिस चार जनों के कार सहित नहर में गिरने की इस संदिग्ध दुर्घटना को पुलिस शुरुआत में ही कई एंगल से देख रही थी। प्रकरण की गंभीरता के दृष्टिगत आईजी प्रफुल्ल कुमार के निर्देश पर एसपी प्रीति जैन ने मामले की शीघ्र जांच-पड़ताल के लिए डीएसपी रावतसर रणवीर मीणा एवं हनुमानगढ़ डीएसपी प्रशांत कौशिक के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित की। इसमें सायबर सैल के हैड कांस्टेबल वाहेगुरु एवं रिछपाल सिंह का सहयोग लिया। प्रकरण की जांच में इन दोनों की विशेष भूमिका रही। पुलिस टीम की महीनों की गहन जांच-पड़ताल के चलते प्रकरण का खुलासा हो सका। क्या था घटनाक्रम लखूवाली के पास इंदिरा गांधी नहर में 9 फरवरी की रात कार गिर गई थी। उसमें संगरिया के वार्ड नम्बर 33, डबवाली रोड निवासी विनोद अरोड़ा (45) पुत्र प्रेमराज अरोड़ा, उनकी पत्नी रेणु (42) एवं बेटी रश्तिा (15) तथा गांव फतेहगढ़ निवासी सुनीता भाटी (40) पत्नी संदीप भाटी सवार थे। चारों के शव 15 घंटे बाद दस फरवरी को नहर से निकाले गए। सभी सीकर में विनोद कुमार की बेटी का कॉलेज में दाखिला करवाकर लौट रहे थे। कार को रमेश स्वामी निवासी मल्लडख़ेड़ा, टिब्बी चला रहा था। रमेश स्वामी ने पुलिस को बताया था कि वह नहर के नजदीक लघुशंका करने उतरा था। पहले उसने गाड़ी सड़क पर खड़ी कर दी। लेकिन पीछे से ट्रक आने के कारण उसने गाड़ी को नहर की पटरी पर खड़ा कर दिया। लेकिन वह नीचे उतरने से पहले हैंड ब्रेक लगाना भूल गया। ढलान पर खड़ी गाड़ी नहर में जा गिरी। सात दिन बाद मुकदमा नहर में डूबी विवाहिता रेणु के भाई रमेश कुमार (41) पुत्र जगदीश सिडाना निवासी वार्ड 25, श्रीविजयनगर ने रमेश स्वामी के खिलाफ सात दिन बाद 16 फरवरी को टाउन थाने में गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कराया था। उसने पुलिस को रिपोर्ट दी थी कि सीकर से संगरिया का सफर लगभग 4.30 घंटे का है। सीकर से रावतसर तक इतना समय लगना, ड्राइवर के अलावा और किसी का लघुशंका करने के लिए न उतरना, ड्राइवर की ओर से बार-बार अपनी बातें बदलना, घटना से पूर्व विनोद कुमार की ओर से फोन नहीं उठाना, विनोद कुमार के परिचालक सीट पर सीट बेल्ट सहित बैठे रहना, गाड़ी का स्टार्ट खड़ी करना, हैंड ब्रेक ना लगाकर गाड़ी का मुंह नहर की तरफ करके खड़ी करना संदेह पैदा करता है। दोस्ती थी मशहूर, अब कत्ल के लिए बदनाम आरोपी रमेश स्वामी व विनोद कुमार में गहरी दोस्ती थी। उनकी दोस्ती खूब मशहूर भी थी, अब रमेश स्वामी दोस्त व उसके परिवार के कत्ल के लिए बदनाम हो चुका है। विनोद कुमार संगरिया के एसकेएम पब्लिक स्कूल में लेखाकार था। जबकि आरोपी रमेश स्वामी वहां क्लर्क था। बाद में रमेश स्वामी इसी अनुभव के आधार पर टिब्बी तहसील की कुलचंद्र ग्राम पंचायत में पंचायत सहायक लग गया। सनक ने करवाई चार हत्या संपत्ति विवाद के चलते रमेश स्वामी के सिर पर विनोद कुमार को रास्ते से हटाने का भूत सवार था। यह सनक इतनी बढ़ गई कि चार जनों की हत्या कर बैठा। विनोद कुमार, उनकी पत्नी व बेटी के अलावा सुनीता भाटी पत्नी संदीप भाटी भी उसकी साजिश का शिकार हो गई। उनकी मौत हनुमानगढ़ खींच लाई। सुनीता भाटी सीकर से अपने घर हनुमानगढ़ आने के लिए विनोद कुमार की कार में रवाना हुई थी। आरोपी एवं सह आरोपी में बातें वारदात के दिन व उससे पहले मुख्य आरोपी रमेश स्वामी तथा सह आरोपी रामलाल नायक के बीच मोबाइल फोन पर खूब बातें हुई। इससे भी पुलिस का संदेह घटना को लेकर बढ़ा। पत्रिका व्यू… होगा पुलिस का इकबाल बुलंद प्रथमदृष्ट्या यह प्रकरण दुर्घटना का लग रहा था। मृतकों के परिजनों ने भी सात दिन बाद चालक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला दर्ज कराया था। मगर पुलिस प्रारंभ से ही प्रकरण को शक की निगाह से देख रही थी। जैसे-जैसे बयान, मृतकों व चालक की पृष्ठभूमि, तकनीकी पड़ताल, ह्यूमन इंटेलीजेंस आदि के आधार पर जांच आगे बढ़ी तो पुलिस नई परतें खोलती गई। चार बेगुनाहों के कत्ल के आरोपियों को सलाखों के पीछे पहुंचा कर और इस पेचीदा प्रकरण का खुलासा करने पर निश्चित तौर पर पुलिस का इकबाल बुलंद होगा। ‘अपराधियों में भय और आमजन में विश्वासÓ के ध्येय वाक्य को इस प्रकरण के जरिए चरितार्थ करने वाले पुलिस प्रशासन को साधुवाद।

Hindi News / Hanumangarh / दोस्त ने दिया दगा, नहर में गिरी नहीं थी कार, धक्का देकर गिराई गई थी

ट्रेंडिंग वीडियो