सरकार ने 36 कैटगिरी निर्धारित की
गरीब तबके के लोगों के भटकने का एक कारण यह भी है कि खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल होने के लिए सरकार ने 36 कैटगिरी निर्धारित कर रखी है। पहले चरण में सरकार ने केवल 11 कैटगिरी को शामिल करके इसी कैटगिरी में आवेदन लिए। अप्रेल 2022 में प्राप्त आवेदनों में पात्र लोगों का नाम जोड़ने के लिए वर्तमान में एसडीएम कार्यालय स्तर पर सत्यापन किया जा रहा है। सितबर 2024 में पोर्टल खुला
हनुमानगढ़ जिले की बात करें तो इसमें 46431 आवेदन आए थे। इसके बाद पोर्टल को बंद कर दिया गया था। इसके बाद फिर मामला उठने पर सरकार ने सितबर 2024 में पोर्टल खोलकर स्टेट लिमिट के अनुसार नाम जोड़ने का काम शुरू किया। इसमें चार अक्टूबर 2024 तक करीब 24 हजार आवेदन लंबित होने की सूचना है। इसके उपरांत पोर्टल में तकनीकी दिक्कतें आने लगी। पूरे प्रदेश की बात करें तो 1959253 आवेदनों में अक्टूबर 2024 तक 982300 आवेदन लंबित पड़े थे। जाहिर है कि सरकार गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों के लिए कितनी गंभीर है।
इस कैटगिरी में आवेदन
सरकार ने प्रथम चरण में 11 कैटगिरी के आवेदन लिए हैं। इसमें शहरी क्षेत्र में अंत्योदय परिवार, बीपीएल, एकल महिलाएं, कचरा बीनने वाले परिवार, कुष्ठ रोगी, आस्था कार्डधारी, सिलकोसिस बीमारी से पीड़ित, विकलांग एवं मंदबुद्धि, पालनहार योजना में चयनित परिवार, निस्तान दंपत्ती तथा वृद्ध दंपत्ती जिनके विकलांग संतान हैं। इनके नाम को प्राथमिकता से जोड़ने का निर्देश है। हनुमानगढ़ जिले में दो लाख 54 हजार परिवार खाद्य सुरक्षा सूची में शामिल है। इसमें करीब 10 लाख लोगों के नाम जुड़े हुए हैं।
काट रहे चक्कर
खाद्य सुरक्षा योजना में पात्र लोगों के नाम जोड़ने की प्रक्रिया काफी धीमी है। करीब दो वर्ष पहले जिन लोगों ने आवेदन किए थे, उन सभी के नाम भी नहीं जोड़े गए हैं। लोग सरकारी दतरों के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन सही जवाब नहीं मिल रहा है।
मनोज बड़सीवाल, पार्षद प्रतिनिधि, नई खुंजा, हनुमानगढ़
हो रहा सत्यापन कार्य
वर्ष 2022 में खाद्य सुरक्षा योजना का पोर्टल खोलकर नए नाम जोड़ने के लिए आवेदन मांगे गए थे। इन आवेदनों का एसडीएम कार्यालय स्तर पर सत्यापन किया जा रहा है। एसडीएम कार्यालय स्तर से ही नाम जोड़े जा रहे हैं।
सुनील कुमार घोड़ेला, जिला रसद अधिकारी, हनुमानगढ़