इंदिरागांधी नहर में अब पेयजल की चिंता खत्म
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हनुमानगढ़. पौंग बांध के जल ग्रहण क्षेत्रों में बरसात होने से इस बांध का जल स्तर महज दो दिनों में ही करीब पंद्रह फीट तक सुधर गया है। इससे पूरे जुलाई में राजस्थान की इंदिरागांधी नहर में पेयजल चलाने की चिंता दूर हो गई है। बांधों में आवक का सिलसिला यूं ही जारी रहा तो आगे सिंचाई पानी चलने की उम्मीद भी है।
इंदिरागांधी नहर में अब पेयजल की चिंता खत्म
इंदिरागांधी नहर में अब पेयजल की चिंता खत्म
-बादलों के बरसने का सिलसिला जारी रहने पर आगे सिंचाई पानी भी मिलने की उम्मीद हनुमानगढ़. पौंग बांध के जल ग्रहण क्षेत्रों में बरसात होने से इस बांध का जल स्तर महज दो दिनों में ही करीब पंद्रह फीट तक सुधर गया है। इससे पूरे जुलाई में राजस्थान की इंदिरागांधी नहर में पेयजल चलाने की चिंता दूर हो गई है। बांधों में आवक का सिलसिला यूं ही जारी रहा तो आगे सिंचाई पानी चलने की उम्मीद भी है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार हिमाचल प्रदेश के आसपास बांधों के जल ग्रहण क्षेत्रों में बारह जुलाई को बादल फटने के कारण तेज बरसात होने पर पौंग बांध में दो लाख ९० हजार क्यूसेक पानी की आवक हुई। इसी तरह तेरह जुलाई को एक लाख २१ हजार क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी। इससे पौंग बांध का जल स्तर अब १२९१ फीट के करीब हो गया है। बादलों की मेहरबानी नेे रीत रहे बांधों में जान फूंक दी है। इससे पहले पिछले पखवाड़े में औसतन छह हजार से आठ हजार क्यूसेक प्रतिदिन के हिसाब से ही पौंग बांध में पानी की आवक हो रही थी। इसके कारण बांधों का जल स्तर लगातार नीचे की तरफ जा रहा था।
हालात यह हो गए थे कि पौंग बांध का जल स्तर बीते सप्ताह १२७७ फीट तक नीचे चला गया था। इसके कारण बीबीएमबी चेयरमैन ने दस जुलाई के बाद राजस्थान की इंदिरागांधी नहर में पेयजल में भी कटौती करने की चेतावनी दे दी थी। राजस्थान सरकार की ओर से काफी दबाव बनाने पर बीस जुलाई तक शेयर को यथावत रखा गया था। अब बीते दो दिनों में बांधों का लेवल बारह से पंद्रह फीट तक सुधरने से जुलाई में पेयजल संकट टल गया है। चार-पांच दिनों तक इसी तरह आवक होने पर राजस्थान की इंदिरागांधी नहर में सिंचाई पानी भी मिल सकता है। इंदिरागांधी नहर से प्रदेश में हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, चूरू, बीकानेर, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर सहित दस जिलों में जलापूर्ति होती है। वर्तमान में इंदिरागांधी नहर में बिना सिंचाई रेग्युलेशन के करीब छह हजार क्यूसेक पानी पेयजल चलाया जा रहा है। इसमें पेयजल की मांग पूरी होने पर किसान खेतों में भी पानी लगा रहे हैं।
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