बीईईओ कार्यालय में मामले की सूचना दी गई जानकारी के मुताबिक रविवार सुबह कुछ युवकों नीरज सिहाग, नितिन, बलवीर मलिंगा व छिंदासिंह बुट्टर की नजर उल्टे फहराते ध्वज पर गई तो उन्होंने जिम्मेदारों को गलती का एहसास कराने का प्रयास किया। लेकिन संबंधित शिक्षकों से संपर्क नहीं हो सका। बाद में संगरिया बीईईओ कार्यालय में मामले की सूचना दी गई।
दौड़ते-भागते आए स्कूल मामला उजागर होने के बाद कार्मिकों को अपनी गलती का एहसास हुआ तो मानो उनके पैरों तले जमीन खिसक गई वह दौड़ते-भागते स्कूल आए और ध्वज को बाद दोपहर तीन बजे सही फहराया।
तीन साल की सजा तक हो सकती है थाना प्रभारी इंद्र कुमार के अनुसार ध्वज फहराते समय केसरिया रंग ऊपर और हरा रंग नीचे की तरफ रहना चाहिए। सरकारी आवास या दफ्तर पर राष्ट्रीय ध्वज को उल्टा फहराना या अन्य किसी तरह से अपमान करना कानूनन जुर्म है। इस संबंध में सजा का प्रावधान है, तीन साल की सजा तक हो सकती है। उधर, बीईईओ सुभाषचंद्र घोटिया ने बताया कि सूचना आते ही एचएम को भेजकर तिरंगा सही करवा दिया। उन्होंने बताया कि ऐसा भूलवश हो गया।