पिता भी कम नहीं
ग्रामीणों के अनुसार लक्ष्या के पिता कैप्टन केएल गोदारा को भी अपने समय में सैनिक स्कूल से एनडीए में शामिल होने वाले एकमात्र व्यक्ति होने का गौरव प्राप्त है। अब बेटी लक्ष्या ने अफसर बनकर पिता का नाम रोशन किया है। लक्ष्या के दादा रुघा राम गोदारा और नाना नरेंद्र डोटासरा साधारण किसान रहे हैं। लक्ष्या की उपलब्धि वास्तव में इस क्षेत्र की सभी लड़कियों के लिए एक सम्मान और अनुकरणीय उदाहरण है।लक्ष्या के नाना नरेंद्र डोटासरा उनकी पासिंग आउट परेड के लिए भारतीय नौसेना अकादमी गए थे।
बेटियों के लिए उम्मीद
हनुमानगढ़ जिले की बात करें तो यहां पर नौ सेना में अफसर रैंक तक पहुंचने वाली महिलाओं की संख्या नामात्र रही है। ऐसे में लक्ष्या के अफसर बनने से दूसरी बेटियों को भी हौसला मिला है। लक्ष्या के अनुसार मन में यदि मजबूत विश्वास हो तो हर मुश्किल आसान बन जाती है। इसलिए लड़कियों को चाहिए कि वह मन से पढ़ाई करें। मन से मजबूत बनने पर कामयाबी जरूर मिलती है।